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आखिर मधेपुरा में कब तक रुकेगा जिंदगी से खिलवाड़ का सिलसिला

चिंताजनक . निजी व सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही से हो रही मौत अब तक मधेपुरा में दो अवैध नर्सिंग होम को किया गया है सील, फिर भी नहीं थम रहा है मौत का खेल मधेपुरा : जिले में प्राइवेट नर्सिंग होम के साथ-साथ अब सरकारी अस्पताल भी मरीजों की मौत का पर्याय बन […]

चिंताजनक . निजी व सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही से हो रही मौत

अब तक मधेपुरा में दो अवैध नर्सिंग होम को किया गया है सील, फिर भी नहीं थम रहा है मौत का खेल
मधेपुरा : जिले में प्राइवेट नर्सिंग होम के साथ-साथ अब सरकारी अस्पताल भी मरीजों की मौत का पर्याय बन चुका है. अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही के कारण मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य विभाग हरेक मौत पर कार्रवाई तो करती है, लेकिन उस कार्रवाई का असर होता नहीं दिख रहा है. पिछले महीने मुख्यालय स्थित अवैध नर्सिंग होम जय भवानी सेवा सदन से महिला मरीज की मौत का सिलसिला शुरू हुआ था. फर्जी डॉक्टर के भरोसे संचालित इस अवैध नर्सिंग होम में इलाज के दौरान बरती गयी लापरवाही से एक नहीं दो-दो महिला मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हड़कत में आया और उसे सील कराया.
इसके बाद मृतक के परिजनों ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. वहीं पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी के आधार पर फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. तब लोगों को लगा कि स्वास्थ्य विभाग सजगता से कार्रवाई कर रही है अब मरीज की मौत नहीं होगी. परंतु केवल इस महीने में प्राइवेट नर्सिंग होम से लेकर सरकारी अस्पताल तक आधा दर्जन मौत हो चुकी है. इसमें पुरैनी स्थ्ति अवैध नर्सिंग होम एक महिला मरीज एवं मुख्यालय स्थित एक प्राइवेट क्लिनिक में नवजात की मौत हो गयी.
वहीं कुमारखंड एवं आलमगनर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही के कारण एक-एक मरीज की मौत हुई. हद तो तब हो गयी जब सदर अस्पताल में सोमवार को डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से एक महिला मरीज की मौत हो गयी. हालांकि मरीज की मौत को गंभीरता से लेते हुए सदर अस्पताल के अधीक्षक ने दोषी डॉक्टर शोकॉज किया है.
अधीक्षक ने चिकित्सा पदाधिकारी डा विभा रानी को शोकॉज करते हुए कहा है कि 12 नवंबर को रात्रि आठ बजे से 13 नवंबर आठ बजे सुबह तक आपका आकस्मिक कर्त्तव्य आवंटित था. जिसमें आप अपने कर्त्तव्य से अनुपस्थित पायी गयी. इस दौरान सिजेरियन प्रसुता मरीज सौरूल खातुन पति मो पप्पू, घर सहरसा की हालात खराब होने के कारण 13 नवंबर के प्रात: सात बजे उनकी मौत हो गयी. मौत होने के बाद सुबह में उपस्थित हुई. जो काफी खेदजनक है.
डॉक्टर की उपस्थित नहीं रहने के कारण मरीज की मौत हो गयी. जबकि रात्री कर्त्तव्य में आवासन करने हेतु एसएनसीयू में महिला चिकित्सकों के लिए सारी व्यवस्था कर दी गयी है.

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