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करंट लगने से दो की मौत, परिवार में पसरा मातम

हादसा. आलमनगर के बड़गांव व शंकरपुर में करंट ने छीन ली दो घर की खुशी मधेपुरा : जिले में करंट से होने वाली मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. इसी जिले के नाम बिजली का तार गिर जाने की वजह से एक साथ छह लोगों की मौत होने का भी रिकार्ड है. बिजली विभाग […]

हादसा. आलमनगर के बड़गांव व शंकरपुर में करंट ने छीन ली दो घर की खुशी

मधेपुरा : जिले में करंट से होने वाली मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. इसी जिले के नाम बिजली का तार गिर जाने की वजह से एक साथ छह लोगों की मौत होने का भी रिकार्ड है. बिजली विभाग द्वारा लगातार जर्जर तार बदलने के लिए बोर्ड को लिखा गया है. इसमें लगभग एक हजार किलो मीटर बिजली की लाइन का पूर्ण जीर्णोद्वार करना शामिल है. ताजा मामला आलमनगर व शंकरपुर प्रखंड का है. आलमनगर के बड़गांव में मंगलवार की सुबह 12 वर्षीय किशोर की मौत सड़क पर गिरे 440 वोल्ट के तार के संपर्क में आने से हो गयी, तो शंकरपुर के अड़ताहा में सोमवार की रात महिला की मौत आटा चक्की चलाने के क्रम में करंट लगने से हुई.
शौच के लिए जा रहा था किशोर करंट से हुई मौत. जर्जर विद्युत तार के कारण क्षेत्र में नित्य दिन लोग हादसे का शिकार होने को अभिशप्त है. वहीं बिजली विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. फिर बिजली तार के जर्जर होने से एक और हादसा आलमनगर के बड़गांव में एक 12 वर्षीय छात्र इस जर्जर तार गिरने से असमय मौत के गाल में समा गया. मंगलवार की सुबह बड़गांव के शर्मा टोला में पंकज शर्मा का 12 वर्षीय पुत्र कृष्ण कुमार जर्जर तार गिरने के कारण उस समय इसके चपेट में आ गया. जब वो शौच करने जा रहा था कि विद्युत प्रवाहित 440 वोल्ट की तार काल बनकर शरीर पर गिर गया.
इससे घटना स्थल पर ही मोत हो गयी.हादसे के शिकार से जहां परिवार पर अपने मासूम को खोने का गम टूट पड़ा है. साथ ही स्थानीय लोगों में बिजली विभाग पर आक्रोश व्याप्त है. इस बाबत पूर्व मुखिया सह राजद के प्रखंड अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही से ऐसी हादसा क्षेत्र में आये दिन होती रहती है. वहीं उन्होंने कहा कि 1975 में लगा तार व पोल से अभी तक विद्युत सफ्लाई इस क्षेत्र में किया जा रहा है.
इस वजह से बार-बार तार टूटकर गिर जाते हैं. इस बाबत कई बार विभाग को तार बदलने को कहा गया, लेकिन आज तक इस दिशा में काम नहीं हुआ. घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ मिनहाज अहमद, सीओ विकास सिंह, पुलिस पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच कर परिजन एवं आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. वहीं घटना स्थल पर आलमनगर दक्षिणी पंचयात के मुखिया सुबोध ऋषिदेव, बड़गांव निवासी रणविजय सिंह, राजकिशोर साह जिला पार्षद प्रतिनिधि कमलेश्वरी साह, रमेश शर्मा, ब्रजेश कुमार, अरविंद पटेल, प्रमोद कुमार मंडल, सहित कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीणें ने पविारजनों को ढाढस बंधाया एवं अविलंब तार बदलवाने की बात घटना स्थल पर मौजूद पदाधिकारी से की.
50 वर्ष बाद भी नहीं बदला गया है बिजली का जर्जर तार, हादसे की बनी रहती है आशंका
ज्ञात हो कि जर्जर विद्युत प्रवाहित तार गिरने से बड़गांव में ही दो व्यक्ति की मौत घटना स्थल पर हो गयी थी. वहीं इटहरी के भ्रमरपुर वासा में एक व्यक्ति की मौत हुई थी. साथ हीं कुंजौरी पंचायत के भरखंड वासा में एक व्यक्ति सहित तीन भैंस इस जर्जर तार गिरने के चपैट में आने से असमय काल के ग्रास में समा गये. वहीं हाल में आलमनगर मधेपुरा मेन रोड में बड़ी बगीचा में हाइटेंशन तार गिरने की वजह से तीन दुधारू मवेशी की मौत हो गयी थी. अबतक कई घटनाएं घट जाने के बाद भी 50 वर्ष पुरानी तार नहीं बदला गया है. आमलोगों को यह अंदेश बना रहता है कि कब कहां काल बनकर बिजली का तार गिर जायेगा और जिंदगी को लील लेगा.

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