लखीसराय. जिले में इस बार धान की फसल से किसानों में खुशी का माहौल है, क्योंकि धान की कटनी 10 दिन पहले ही शुरू हो चुकी है. इस बार फसल की उपज पिछले साल के मुकाबले काफी बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है. किसानों ने खेतों में मजदूरों को लगाकर धान की कटाई प्रारंभ कर दी है और अब कुछ ही दिनों में कटे हुए धान को खलिहान में रखा जाएगा. किसानों का कहना है कि इस बार धान की उपज में बंपर वृद्धि की संभावना है, क्योंकि मौसम ने भी इस बार उनका साथ दिया है. समय-समय पर हुई बारिश ने फसल को अच्छी सिंचाई दी, जिससे धान की फसल को फायदा हुआ. इस वर्ष धान की फसल में कीड़ा भी नहीं लगा, जो किसानों के लिए एक अच्छा संकेत है. साथ ही, इस बार किसानों को सिंचाई की भी कोई विशेष आवश्यकता नहीं पड़ी, जिससे उनकी मेहनत और लागत दोनों ही कम हुई हैं. किसान सहदेव यादव, अर्जुन सिंह, मिथिलेश सिंह, बाल्मीकि यादव और अन्य किसानों ने बताया कि वे अपनी धान की कटाई में व्यस्त हैं और इस बार एक कट्ठा में ढाई मन धान की उपज होने की संभावना है. जिले के हलसी, चानन, रामगढ़ चौक और लखीसराय जैसे प्रखंडों में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिससे यहां की कृषि अर्थव्यवस्था में धान की महत्वपूर्ण भूमिका है. धान की कटाई के साथ ही सांख्यिकी विभाग ने उपज का आकलन शुरू कर दिया है. जिले के सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा इस उपज का आकलन कर डीएम को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसे पटना भेजा जाएगा. उपज के आधार पर ही राज्य सरकार द्वारा पैक्स और व्यापार मंडलों को धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा. फिर इस लक्ष्य के अनुसार पंचायत, पैक्स वार और व्यापार मंडलों में धान खरीदी का लक्ष्य वितरित किया जाएगा. इस पूरे प्रक्रिया को लेकर डीएओ कुंदन कुमार ने बताया कि धान की उपज का आकलन करने के लिए सभी बीएओ (ब्लॉक कृषि अधिकारी) को पत्र भेज दिया गया है और 15 नवंबर के बाद सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर धान की उपज का आकलन कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस बार की बंपर उपज किसानों के चेहरे पर संतुष्टि और खुशी का कारण बनी हुई है, क्योंकि पिछले सालों के मुकाबले इस बार मौसम ने उनके लिए बेहतर सहयोग दिया है.
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