-तेज बारिश के साथ कुछ जगहों पर हुई ओलावृष्टि-बारिश के पानी से गेहूं फसल और पशु चारा को पहुंचा नुकसान-कई जगहों पर दुकानों व कार्यालयों के साइन बोर्ड भी उड़ालखीसराय.
विगत कुछ दिनों से कड़ी धूप एवं गर्मी के कारण लोगों का जनजीवन प्रभावित होने लगा था. वहीं बुधवार की अहले सुबह अचानक मौसम ने अपना मिजाज बदल दिया और तेज आंधी एवं मेघर्जन के साथ बारिश होने लगी. इस दौरान कुछ जगहों से ओलावृष्टि होने की भी सूचना है. वहीं तेज हवा के साथ बारिश होने से शहर में कई जगहों पर दुकानों व कार्यालयों का साइन बोर्ड निकलकर गिर पड़ा. वहीं कई जगहों पर पेड़ों के टहनियां टूट कर गिरने की सूचना है. बताया जा रहा है कि सबसे अधिक नुकसान गेहूं फसल को पहुंचा है. फसल नुकसान होने से किसान को चिंता सताने लगी है. गेहूं फसल के साथ-साथ पशुओं का चारा का भी नुकसान हुआ है. गेहूं के फसल भींग जाने के कारण गेहूं का दाना काला हो सकता है. इसके साथ लगातार इस तरह के मौसम करने से पशुओं का चारा यानी गेहूं की भूसा भी खराब हो सकता है. फिलहाल लखीसराय, सूर्यगढ़ा, पिपरिया, बड़हिया आदि जगहों पर 75 प्रतिशत गेहूं की कटनी हो चुका है. वहीं हलसी, रामगढ़ चौक एवं चानन में गेहूं की कटनी अभी चल रही है इसलिए इन जगहों पर बारिश होने से कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा है. वहीं बारिश होने से पूर्व तेज आंधी के कारण आम के टिकोले भी गिर चुके हैं. किसानों के आम के टिकोले गिरने से भी नुकसान हुआ है. दूसरी ओर बारिश होने की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है.बोले वैज्ञानिक
कृषि विभाग के सहायक निदेशक पौधा संरक्षण रीमा कुमारी ने बताया कि बुधवार की पहले सुबह की बारिश से सबसे अधिक गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. अधिक पानी पड़ने के कारण गेहूं का दाना काला हो जाता है. जिससे आटा खाने में कड़वाहट होती है. उन्होंने बताया कि कई जगह ओलावृष्टि होने के कारण का ककड़ी, फुट और तरबूज के पौधे को नुकसान पहुंचा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है