बड़हिया. मानदेय में पुनरीक्षण, अंशकालिक व्यवस्था समाप्त कर संविदा कर्मी का दर्जा देने तथा मानदेय का भुगतान पंचायत से हटाकर प्रखंड स्तर से कराने सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं कर्मी संघ के आह्वान पर गुरुवार से प्रखंड के सभी स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. हड़ताल के पहले दिन ही बड़हिया प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर सभी पर्यवेक्षकों व कर्मियों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपनी मांग पत्र को सौंपा. इस दौरान पर्यवेक्षकों में पाली से पंजाबी पासवान, ऐजनीघाट से धर्मेंद्र पासवान, गिरधरपुर से मंटू कुमार, डुमरी से प्रखंड अध्यक्ष रमेश पाठक, जैतपुर से राजाराम, लक्ष्मीपुर से शिव कुमार, खुटहा पूर्वी से रूपा भारती तथा खुटहा पश्चिम से ब्यूटी कुमारी सहित सभी पंचायतों के कर्मी मौजूद रहे. पर्यवेक्षकों का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग ने नियोजन तो संविदा आधार पर किया है, मगर सुविधा व लाभ सेवा शर्तों के अनुरूप नहीं मिल रहा है. सुबह छह बजे से देर शाम तक सफाई कार्य में लगे रहने के बावजूद पर्यवेक्षक को मात्र पांच से साढ़े सात हजार और कर्मी को डेढ़ से तीन हजार रुपये तक मानदेय मिलता है, जो मजदूरी दर से भी कम है. उन्होंने साफ कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. महंगाई के दौर में इतनी कम राशि से परिवार चलाना असंभव है, इसलिए संविदा दर्जा व प्रखंड स्तर से मानदेय भुगतान उनकी प्रमुख मांग है.
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