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मध्य विद्यालय नोमा में एमडीएम नहीं बनने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला

मध्य विद्यालय नोमा में एमडीएम नहीं बनने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला

ग्रामीणों के हंगामे से दूसरे दिन भी बच्चों के पठन-पाठन रहा बाधित

सोमवार को भी एमडीएम नहीं बनने पर ग्रामीणों व शिक्षकों के बीच हुआ था विवाद

हलसी. प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत मंगलवार को मध्य विद्यालय नोमा में आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में ताला जड़ दिया. सुबह जब विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक व प्रधानाध्यापक राजाराम पासवान स्कूल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मुख्य गेट पर नया ताला लगा हुआ है. पूछताछ करने पर ग्रामीणों ने बताया कि जब तक विद्यालय में चावल की उपलब्धता व 13 दिनों से बंद मध्याह्न भोजन की समस्या का समाधान नहीं होगा, तथा मामले की जांच वरीय पदाधिकारी द्वारा नहीं की जाएगी, तब तक ताला नहीं खोला जाएगा. करीब 11 बजे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एजाज आलम विद्यालय पहुंचे व विद्यालय का ताला खुलवाया. इसके बाद मध्याह्न भोजन बंद रहने तथा विद्यालय की विभिन्न कुव्यवस्थाओं को लेकर जांच की गयी. जांच के दौरान विद्यालय में अव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों और अभिभावकों में गहरा आक्रोश देखा गया. ग्रामीणों के अनुसार मध्याह्न भोजन 29 अक्टूबर से 11 नवंबर तक नहीं बनाया गया है. विद्यालय में बाल संसद व मीना मंच का गठन भी नहीं किया गया. अभिभावकों व बच्चों की बैठक भी आयोजित नहीं की गयी है. साथ ही विद्यालय में मध्याह्न भोजन का मेनू चार्ट भी प्रदर्शित नहीं है.

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि 30 अक्तूबर से सात नवंबर तक विद्यालय बिना प्रभारी के संचालित होता रहा. प्रधानाध्यापक राजाराम पासवान का कहना था कि उन्होंने 29 अक्तूबर को प्रभार वरीय शिक्षक विमल कुमार सिंह को दे दिया है, लेकिन विमल कुमार सिंह ने स्पष्ट कहा कि उन्हें किसी प्रकार का प्रभार नहीं मिला है. ग्रामीणों के अनुसार 31 अक्टूबर को एक सहायक शिक्षक साइकिल रखने के लिए स्टोर रूम में गए, तो पाया कि वहां चावल मौजूद नहीं है. इस पर मामला वरीय शिक्षक के माध्यम से प्रधानाध्यापक को बताया गया, लेकिन प्रधानाध्यापक द्वारा 210 किलो 500 ग्राम चावल का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं दिया गया. ग्रामीणों का सवाल है कि यदि चावल चोरी हो गया तो अब तक प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं करायी गयी.

वार्ड 13 की अध्यक्ष कंचन कुमारी के प्रतिनिधि मुन्ना सिंह ने कहा कि विद्यालय परिवार की ओर से कभी किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी जाती. उनका कहना है कि अधिकांश विद्यालयों में वार्ड सदस्य विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष होते हैं, लेकिन इस विद्यालय में अध्यक्ष कौन है, यह भी स्पष्ट नहीं है.

जांच के दौरान पीईओ ने बच्चों से बातचीत की. छात्रों ने बताया कि विद्यालय में कभी फल नहीं दिया गया और फल की जगह बिस्किट का वितरण किया जाता है. बाल संसद का गठन भी नहीं किया गया है.

इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एजाज आलम ने बताया कि सोमवार को मध्याह्न भोजन को लेकर ग्रामीणों द्वारा हंगामा किया गया था, जबकि मंगलवार को विद्यालय में ताला जड़ दिया गया. जांच के दौरान कई आरोप सही पाए गए, जिसके आधार पर प्रधानाध्यापक राजाराम पासवान से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है. निर्धारित समय में जवाब नहीं देने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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