सूर्यगढ़ा : चार दिवसीय कार्तिक छठ व्रत की शुरुआत शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ होगी. शनिवार को खरना (लोहंडा), रविवार की शाम व सोमवार की सुबह का अर्घदान के साथ छठ पर्व समाप्त होगा. शुक्रवार को नहाय-खाय के दौरान छठ व्रती स्नान व सूर्य नमस्कार कर अरवा चावल का भात, चने की दाल व कद्दू की सब्जी,
साग आदि प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगी. प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हों व आम की लकडि़यों का प्रयोग होता है. दूसरे दिन लोहंडा को शाम में स्नान कर छठ व्रती मिट्टी की हंडी में खीर, पूड़ी बनाते हैं और पूजा के बाद भगवान का भोग लगाते हैं. इसके बाद खुद प्रसाद ग्रहण करते हैं और बाद में प्रसाद अन्य लोगों के बीच बांटते हैं. इसके बाद निर्जला उपवास शुरू हो जाता है जो सुबह के अर्घदान के बाद टूटता है.