तस्करी. जिले में नहीं लग रहा है शराब की अवैध बिक्री पर रोक
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झारखंड से ला कर बेच रहे शराब
तस्करी. जिले में नहीं लग रहा है शराब की अवैध बिक्री पर रोक नगर परिषद क्षेत्र लखीसराय अंतर्गत कई स्थानों पर चोरी छिपे ही सही, लेकिन आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है. सड़क मार्ग से झारखंड से मंगा मुंहमांगी कीमत पर यहां शराब बेची जा रही है. शहर के दर्जनों जगहों पर नेटवर्क के […]
नगर परिषद क्षेत्र लखीसराय अंतर्गत कई स्थानों पर चोरी छिपे ही सही, लेकिन आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है. सड़क मार्ग से झारखंड से मंगा मुंहमांगी कीमत पर यहां शराब बेची जा रही है. शहर के दर्जनों जगहों पर नेटवर्क के लोगों द्वारा ग्राहकों की पहचान कर उन्हें अपने गुर्गों के द्वारा शराब उपलब्ध करायी जाती है. शराब मुहैया कराने से पूर्व ग्राहकों की पूरी पहचान होती है. सह आवारागर्दी करने वाले युवकों के माध्यम से करायी जाती है.
लखीसराय : राज्य सरकार ने एक अप्रैल से देसी शराब पर पूर्ण बंदी के बाद पांच अप्रैल से विदेशी शराब की बिक्री पर भी राज्य भर में पूर्ण रूप से बंदी की घोषण कर दी. शराब बंदी के पूर्व राज्य सरकार ने राज्य के सभी थानाध्यक्षों से इस बात का लिखित शपथ पत्र लिया था कि उनके क्षेत्र में कही भी शराब का अवैध निर्माण व बिक्री नहीं की जा रही है. इसके बावजूद जिले में अब भी शराब चोरी छिपे आसानी से उपलब्ध हो रहा है. थानाध्यक्षों के द्वारा खानापूर्ति के नाम पर महीने में कभी-कभार छापेमारी कर अपने कार्यों की इतिश्री कर ली जाती है.
नप क्षेत्र में कई स्थानों पर उपलब्ध हो रही शराब
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत कई स्थानों पर चोरी छिपे ही लेकिन आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है. अवैध शराब के धंधे में बताया जाता है कि युवा व कुछ राजनीतिक रसूख वाले लोग भी शामिल हैं. नगर परिषद क्षेत्र के विद्यापीठ चौक, कार्यानंद मुहल्ला, मंसूर चक, छोटी दरगाह, संतर मुहल्ला, रेलवे हाता, पचना रोड, कवैया रोड, बाजार समिति के पास सहित कई अन्य जगहों पर अवैध शराब बेचने वाले अपने नेटवर्क के जरिये शराब खरीदने वालों की पहचान की पुष्टि हो जाने का बाद अपने बताये जगहों पर पहुंचने के लिए कहते हैं. उनके पहुंचने के पहले ही अवैध शराब का कारोबार करनेवालों के द्वारा अपने गुर्गों को भेज दिया जाता है. राज्य सरकार के द्वारा शराब बंदी की घोषणा के बाद से शराब के कारोबारी जहां इस धंधे को छोड़ कर कुछ अलग करने की सोच रहे हैं. वहीं इस धंधे में वैसे नवयुवक जो अपने परिवार से कोई खास मतलब नहीं रख कर दिन भर अवारागर्दी करते रहते हैं उतर गये हैं व इसमें पूरी तरह से रम गये हैं. इन लोगों के बारे में बताया जाता है कि सरकार के द्वारा शराब की पूर्ण बंदी की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन के द्वारा सिर्फ रेलवे को अपना निशाने पर रख कर जांच अभियान चला रही, जबकि इन धंधेबाजों के द्वारा सड़क माध्यम से खुलेआम प्राइवेट गाड़ी के द्वारा पड़ोस के झारखंड राज्य से शराब लाकर जिलों में मुंहमांगी कीमत पर बेचा जा रही है. अवैध शराब बिक्री से हो रहे अनाप शनाप कमाई से इन लड़कों के रहन सहन में काफी फर्क देखा जा रहा है, जो समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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