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बालू का उठाव नहीं होने से भुखमरी के कगार पर मजदूर

लखीसराय : वर्ष 2000 में किऊल नदी के बालू पर वर्चस्व को लेकर अपराधियों द्वारा की गयी अंधाधुंध फायरिंग में दाे मजदूरों के मारे जाने के बाद उस समय किऊल नदी के बालू पर राज कर रहे बीएमडीवीसी को बिहार से रवाना कर दिया गया. मजदूरों की हत्या पर आंसू बहाने आये तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू […]

लखीसराय : वर्ष 2000 में किऊल नदी के बालू पर वर्चस्व को लेकर अपराधियों द्वारा की गयी अंधाधुंध फायरिंग में दाे मजदूरों के मारे जाने के बाद उस समय किऊल नदी के बालू पर राज कर रहे बीएमडीवीसी को बिहार से रवाना कर दिया गया. मजदूरों की हत्या पर आंसू बहाने आये तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने वादा किया कि अब नदियों की बालू के व्यापार का संचालन मजदूरों की कॉपरेटिव बना कर कराया जायेगा. मतलब यह थी की बालू का व्यापार अब मजदूरों के हाथ में रहेगा. मजदूरी भी उनकी व बालू की कमाई भी उन्हीं की.

निर्माण में कठिनाई. किऊल नदी के बालू की बंदोबस्ती नहीं लेने से जनवरी माह से उत्तर बिहार के बेगूसराय, समस्तीपुर, खगड़िया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में रियल स्टेट निर्माण में कठिनाई होने लगी है. इन क्षेत्रों में बालू की आपूर्ति लखीसराय व जमुई के बालू साइड से की जाती है. इधर बालू उठाव बंद होने की वजह से गृह निर्माण का कार्य भी ठप्प हो गया है.
इसकी वजह से गृह निर्माण से जुड़े हजारों मजदूर भी बेरोजगार होने लगे हैं. गृह निर्माण सामग्री के कारोबार पर भी इसका असर पड़ रहा है. इधर जिले के विभिन्न बालू साइड पर अवैध तरीके से बालू का उठाव होने से बालू माफिया की चांदी कट रही है.
बोले खनन पदाधिकारी. जिला प्रभारी खनन पदाधिकारी भानु प्रकाश ने बताया कि पुन: टेंडर के लिये राज्य सरकार से आदेश मांगा गया है. आदेश मिलते ही टेंडर किया जायेगा.

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