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विभागीय उदासीनता: 12 हजार में तीन हजार चापाकल खराब

लखीसराय: गरमी बढ़ने के साथ ही जलसंकट गहराने लगा है. खासकर पहाड़ी इलाके कजरा क्षेत्र के बुधौली बुनकर, उरैन, चानन के कुंदर, भलुई, जानकीडीह, मलिया, रामसीर, पीरीबाजार क्षेत्र के बरियारपुर, घोसैठ, महेशपुर, लोशघानी, कसबा आदि पंचायतों में गरमी बढ़ने के साथ लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. इन इलाकों में जलसंकट से निबटने के लिए […]

लखीसराय: गरमी बढ़ने के साथ ही जलसंकट गहराने लगा है. खासकर पहाड़ी इलाके कजरा क्षेत्र के बुधौली बुनकर, उरैन, चानन के कुंदर, भलुई, जानकीडीह, मलिया, रामसीर, पीरीबाजार क्षेत्र के बरियारपुर, घोसैठ, महेशपुर, लोशघानी, कसबा आदि पंचायतों में गरमी बढ़ने के साथ लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. इन इलाकों में जलसंकट से निबटने के लिए पीएचइडी विभाग द्वारा कारगर तैयारी नहीं की गयी है.
ग्रामीण जलापूर्ति योजना का बुरा हाल : जिले भर में ग्रामीण जलापूर्ति योजना का बुरा हाल है. पुरानी योजनाओं में से गंगासराय, सूर्यगढ़ा थाना परिसर, कांकड़ सलेमपुर, रामगढ़ चौक, घोंघसा, अशोक धाम, कजरा, पोखरमा, मेदनीचौकी, नोनगढ़, नंदनामा एवं बालगुदर में जलापूर्ति योजना कागजों पर तो चालू है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करता है. भूमिगत पाइप क्षतिग्रस्त होने से सूर्यगढ़ा थाना परिसर स्थित जलापूर्ति योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. कांकड़ सलेमपुर में भी पाइप क्षतिग्रस्त होने से गंदा पानी की सप्लाई हो रही है.
कमोबेश यही स्थिति अन्य जगहों की भी है. मेदनीचौकी क्षेत्र के खाबा में विद्युत दोष की वजह से अक्सर जलापूर्ति बाधित रहा. पीरीबाजार में जलापूर्ति योजना आंशिक चालू है. नोनगढ़ में ग्रामीण जलापूर्ति योजना चालू हो पाया जबकि पिपरिया के मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय, बालगुदर, मननपुर, तिलकपुर, सैदपुरा, नौमा, सिरखिंडी,औरे, रामपुर में जलापूर्ति योजना का कार्य प्रारंभ है जो गरमी समाप्त होने तक पुरा होने की स्थिति में नहीं है. गरसंडा में पाइप से सीधी जलापूर्ति शुरू की गयी है जबकि माणिकपुर स्थित ग्रामीण जलापूर्ति योजना का निविदा विस्तार की प्रक्रिया मुख्यालय में लंबित है.पीएचइडी विभाग द्वारा नये जलापूर्ति योजना की स्वीकृति की गयी है जिसमें गंगासराय, संग्रामपुर, सिंगारपुर, परसावां, खुटुकपार एवं कसबा में ग्रामीण जलापूर्ति योजना शामिल है. इसके निविदा एवं कार्य प्रारंभ में अभी समय लगेगा.
कहते हैं अभियंता
कार्यपालक अभियंता पीएचइडी विनोद कुमार ने बताया कि पहाड़ी इलाके में कुछ पंचायत बुधौली बुनकर, उरैन, चानन के कुंदर, भलुई आदि जगहों पर भूमिगत जलस्तर में गिरावट आने पर जल संकट होता है.
यहां चापाकल, बोरिंग आदि फेल हो जाता है. ऐसे इलाके में पानी का टैंकर भेज कर जल संकट से निबटने की तैयारी की जा रही है, ताकि लोगों को पानी के लिए परेशानी न हो.

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