बालू खनन. पर्यावरण सहित निविदा के अन्य शर्तों का नहीं किया पालन
Advertisement
49 करोड़ का टेंडर रद्द, अब घाटों को सेक्टर में बांट कर होगा ई-टेंडर
बालू खनन. पर्यावरण सहित निविदा के अन्य शर्तों का नहीं किया पालन लखीसराय : किऊल नदी से बालू खनन की नीलामी लखीसराय एवं जमुई जिला के लिये संयुक्त रूप से 49 करोड़ में जून 2016 में हुआ था. उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के वेस्टलिंग प्राइवेट लिमिटेड को खनन कार्य का टेंडर दिया गया था […]
लखीसराय : किऊल नदी से बालू खनन की नीलामी लखीसराय एवं जमुई जिला के लिये संयुक्त रूप से 49 करोड़ में जून 2016 में हुआ था. उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के वेस्टलिंग प्राइवेट लिमिटेड को खनन कार्य का टेंडर दिया गया था लेकिन कंपनी द्वारा पर्यावरण संबंधित स्वीकृति प्राप्त कर समय पर जमा नहीं किया गया. जबकि 90 दिनों के अंदर निविदा के अन्य शर्तों का भी पालन नहीं किया गया. माइनिंग विभाग के रिपोर्ट पर शुक्रवार को जिला समाहर्ता अमित कुमार द्वारा टेंडर को रद्द कर निर्देश पत्र निकाल दिया गया. किऊल नदी से बालू खनन को लेकर नये सिरे से सर्वे कराया जा रहा है.
जिला खनिज विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने पुराने टेंडर को रद्द किये जाने की जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न किऊल नदी के घाटों को पांच-पांच हेक्टेयर में बांट कर सेक्टर तैयार किया जायेगा. इसके उपरांत ई-टेंडरिंग के माध्यम से टेंडर दिया जायेगा. 5 हेक्टेयर के लिये पर्यावरण स्वीकृति प्रदान करने की शक्ति जिलाधिकारी के पास ही समाहित है. जिससे खनन कार्य जल्द शुरु हेने की संभावना है.
मामला उच्च न्यायालय में है दायर
49 करोड़ का टेंडर लेने वाली कंपनी वेस्टलिंग प्राइवेट लिमिटेड इस मामले को उच्च न्यायालय में भी दायर कर चुकी है. टेंडर के छह माह होने पर खनिज विभाग द्वारा कंपनी को नियमानुसार टेंडर का 25 प्रतिशत राशि जमा करने को लेकर नोटिस भी किया गया था. जबकि टेंडर के दौरान कंपनी द्वारा 6 करोड़ सिक्युरिटी मनी जमा दिया गया था. नोटिस के जबाव में कंपनी ने माइनिंग प्लान का एप्रुभल डिपार्टमेंट द्वारा विलंब से उपलब्ध कराये जाने की जानकारी दी गयी थी. कंपनी ने खनन कार्य प्रारंभ होने पर पैसा जमा करने की बात कही थी. पर्यावरण विभाग से स्वीकृति एवं अन्य मामलों को लेकर खनन कार्य ठप पड़ा हुआ था. जिसे आज डीएम द्वारा रद्द कर नये सिरे से टेंडर का निर्देश जारी कर दिया गया है.
खुदरा बालू लाइसेंसधारी कर सकते हैं व्यवसाय शुरू
बालू व्यवसाय को लेकर नित्य नये नये नियमों की घोषणा और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. इस संबंध में जिला खनिज विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने प्रकाश डालते हुए कहा कि लखीसराय जिला में किऊल नदी में बालू खनन पर रोक लगा हुआ है. लेकिन नये नियमों के तहत खुदरा बालू , गिट्टी व्यवसाय को लेकर लाइसेंस पाने वाले लोग अन्य जिलों से बालू लाकर व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं. इसके लिये उन लोगों को औपबंधिक लाइसेंस दिया जा चुका है. जबकि तीन वर्षों के लिए लाइसेंस जारी करने से पूर्व इसके लिये निर्धारित अन्य शर्तो की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. फिलहाल सभी अंचलाधिकारी को इन 40 लाइसेंसधारी द्वारा चिन्हित दुकानों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है. जिसमें उस जमीन की पर्याप्त क्षमता पांच ट्रक की होनी चाहिये. जबकि तीन वर्ष के लिए 30 हजार का ड्राफ्ट जमा करना होगा व एक लाख रुपये की बैंक गारंटी देने पर ही लाइसेंस निर्गत किया जायेगा.
दो वर्षों से परेशान हैं मजदूर
किऊल नदी से बालू खनन पर रोक को लेकर पिछले दो वर्षों से इस जिला के निर्माण कामगार मजदूर काफी परेशानी झेल रहे है. निजी भवन निर्माण कार्य बाधित तो है ही सरकारी निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. एक छोटी सी शौचालय निर्माण कार्य को लेकर भी बालू व्यवस्था किये जाने की मांग प्रमुखता से उठाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त किऊल नदी के विभिन्न बालू घाटों पर बालू उठाव कार्य में लगे लगभग पांच हजार मजदूर भी फाकांकशीं झेलने को मजबूर हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement