किशनगंज.
खेतों में कटनी के साथ ही राहगीरों पर शामत आ गई है मकई के बोझे से लेकर मकई की दौनी और मक्का सुखाने तक के लिए ग्रामीणों सड़कों को ही खलिहान बना दिया है. जिले के सभी प्रखंडों में कमोबेश हालात एक जैसे ही है. हर ग्रामीण सड़कों पर बिछाये गए मकई के दानों से फिसल कर अब तक दर्जनों बाइक सवार घायल भी हो चुके हैं और लोगों का गिरना भी जारी है लेकिन न तो किसानों को राहगीरों को हो रही समस्या से कोई मतलब है और कोई इस और ध्यान दे रहा है. किसी भी इलाकें में चले जाइए हर तरफ पर सड़कों पर बिछाए गए मकई के दानें ही मिलेंगे इन सड़कों के आसपास के लोगों ने अनाज सुखाने के नया तरकीब खोज लिया है. लिहाजा बाइक सवार इन अनाजों से फिसलकर आये दिन घायल हो रहे हैं.ऐसे में अब राहगीरों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. डंठल से फिसल कर दुर्घटना के शिकार हो चुके लोग अब इसके खिलाफ आवाज भी उठाने लगे हैं.आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार होकर अपना हाथ-पैर तुड़वाने को विवश हो गए हैं. जबकि चार पहिया वाहन वालों के लिए तो और मुश्किल है.उसे तो मकई के उपर से ही गाड़ी ले जाने की विवशता है. अभी मकई के सीजन की शुरुआत भर हुई है.आगे लंबे समय तक यही स्थिति रहने वाली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है