किशनगंज बिहार के शिक्षा विभाग और विवाद दोनों का चोली दामन का साथ है. तभी तो मानवीय संवेदना को तार-तार कर ऐसे आदेश जारी करती है जिससे विभाग की किरकिरी होती है. ताजा मामला शीतकालीन छुट्टी में शिक्षकों के आवासीय प्रशिक्षण का है.एक साल पूर्व जारी की गई विभाग के छुट्टी तालिका में 25 से 31 दिसंबर के बीच क्रिसमस और शीतकालीन छुट्टी निर्धारित है. बुधवार को शिक्षक विद्यालय में ड्यूटी करने के बाद अपने घरों को निकल गए. विभाग ने 29 दिसंबर से तीन जनवरी के बीच छह दिवसीय आवासीय परीक्षण डायट किशनगंज में निर्धारित कर दी है. जिससे शिक्षकों के घर जाने और परिवार के बीच छुट्टी बिताने के उम्मीदों पर एक बार फिर ग्रहण लग गया है. शिक्षक एवं संघ के नेताओं ने शीतकालीन अवकाश के उपरांत प्रशिक्षण आयोजित करने की मांग की है. शिक्षक नेताओं का कहना है कि शीतकालीन अवकाश के दौरान शिक्षकगण प्रायः सुदूर क्षेत्रों की यात्रा करते हैं और परिवारजनों के साथ समय व्यतीत करते हैं. ऐसे में अवकाश अवधि में आवासीय प्रशिक्षण कराना न केवल व्यावहारिक कठिनाइयों का सबब बनेगा. गौरतलब है कि पूरे जिले में भीषण शीतलहर है. कई जिलों में प्रशिक्षण के दौरान कई शिक्षकों के मौत की भी खबर आई है. लेकिन विभाग इस भीषण ठंड और शीतलहर के छुट्टी के बीच प्रशिक्षण करवाने पर तुला हुआ है. अवकाश शिक्षकों के मानसिक व पारिवारिक संतुलन के लिए आवश्यक है. कहा जा रहा है कि इतनी ठंड में उपर से अवकाश के दिनों में शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाना उचित नहीं है.
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