किशनगंज. व्यवहार न्यायालय के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार सिंह की अदालत ने झाड़-फूंक के नाम पर एक दलित महिला को बेहोश कर उसके साथ दुष्कर्म करने और उसकी वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के अभियुक्त को सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि नहीं देने की स्थिति में अतिरिक्त एक माह की काटनी होगी. दुष्कर्म के आरोपों में दस वर्ष की सश्रम और 50 हजार रुपये अर्थ दंड की सज़ा अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की अपराध के लिए तीन वर्ष सश्रम कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. 66(ई) आईटी एक्ट के अपराध को ले तीन वर्ष की सश्रम कारावास और बीस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई. 67 (ए) एक्ट के अपराध के लिए तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 20 हजार अर्थदंड की सज़ा सुनाई गई.अर्थदंड की राशि भुगतान नहीं देने पर प्रत्येक दस हजार रुपये हेतु एक माह की अतिरिक्त सज़ा भुगतने की सज़ा सुनाई गयी. घटना के बारे में बताया जाता है कि जिले के दिघलबैंक थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित महिला ने बीते 26 मार्च 2023 को थाने में आवेदन देकर मुकदमा दर्ज की कराया था. आवेदन के अनुसार महिला ने बताया कि मेरा पति मजदूरी करने घर से बहार पंजाब में रहते हैं. मैं बाल बच्चों के साथ घर पर अकेली रहती हूं. आज से 4-5 माह पूर्व(यानी नवंबर 2022) को मेरा तबीयत खराब हो गया था, इसी दरम्यान पड़ोस के गांव के सरफराज आलम नामक एक व्यक्ति से मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि मैं तांत्रिक हूं और झाड़ फुक कर तुम्हारी बीमारी को ठीक कर दूंगा. इसी बीच तांत्रिक ने मुझे झाड़ फुक के बहाने फसा कर मेरे साथ अंतरंग संबंध बनाया और चुपके से इसका वीडियो भी बना लिया. वीडियों बनाने के बाद तांत्रिक महिला को धमकी दिया कि राज खोलने से पूरे परिवर को मौत के घाट उतार देंगे. तांत्रिक ने महिला से दोबारा संबंध बनाने के लिए अश्लील वीडियो को वायरल करने का धमकी देने लगा. महिला के द्वारा इंकार करने पर तांत्रिक सरफराज आलम अश्लील वीडियों को इंटरनेट में डाल कर वायरल कर दिया.
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