स्वस्थ मां से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव
किशनगंज.गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे संवेदनशील और जिम्मेदार समय होता है. इस दौरान मां और गर्भस्थ शिशु दोनों की नियमित स्वास्थ्य जांच न केवल जीवन रक्षा में सहायक होती है, बल्कि संभावित जटिलताओं से समय रहते बचाव का अवसर भी देती है. इसी उद्देश्य को लेकर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले भर में व्यापक स्तर पर प्रसव पूर्व जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया.समग्र देखभाल: सिर्फ जांच नहीं, संपूर्ण मातृत्व सुरक्षा
स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित शिविरों में केवल स्वास्थ्य जांच ही नहीं, बल्कि गर्भवती महिलाओं को पोषण, तनाव प्रबंधन, व्यायाम और नियमित दवा सेवन से संबंधित परामर्श भी दिए गए. सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि शिविर में महिलाओं का वजन, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, एचआईवी और मलेरिया की जांच की गई. उन्हें आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड जैसे आवश्यक पोषक तत्वों के सेवन पर भी बल दिया गया.डॉ. चौधरी ने यह भी बताया कि समय पर जांच और परामर्श से गंभीर गर्भावस्था जटिलताओं की समय रहते पहचान होती है, जिससे मां और शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.सदर अस्पताल में 47 गर्भवती महिलाओं की जांच, दो ””हाई रिस्क”” मामले चिन्हित
सदर अस्पताल किशनगंज में उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन की निगरानी में आयोजित शिविर में 47 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच हुई. इस दौरान दो महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की श्रेणी में रखा गया, जिन्हें विशेष निगरानी में रखा जाएगा. डॉ. हुसैन ने बताया कि ऐसे मामलों की पहचान से मां और शिशु की जान बचाई जा सकती है, और आवश्यक विशेषज्ञ सेवाएं समय पर दी जा सकती हैं.अल्ट्रासाउंड से भ्रूण की स्थिति की जांच, सुरक्षित प्रसव की तैयारी
महिला चिकित्सिका डॉ. शबनम यास्मीन ने जानकारी दी कि शिविर के दौरान 20 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड भी किया गया.इससे भ्रूण की स्थिति, गर्भनाल की स्थिति और संभावित जटिलताओं की समीक्षा की गई.उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड न केवल चिकित्सकीय जरूरत है, बल्कि यह सुरक्षित मातृत्व की ओर निर्णायक कदम भी है.हर महिला तक पहुंचे योजना का लाभ – जिलाधिकारी विशाल राज
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि यह महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों की रक्षा का माध्यम है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि समाज की अंतिम पंक्ति की महिला तक यह सुविधा पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह अभियान संवेदनशीलता, सहभागिता और सम्मान का प्रतीक है, जो मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक है.एसडीजी-3 की दिशा में ठोस पहल
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 3 की दिशा में एक सशक्त पहल है. उन्होंने कहा कि ऐसे शिविरों से न केवल जागरूकता बढ़ती है, बल्कि महिलाओं को समय पर चिकित्सा सहायता भी मिलती है. यह योजना मातृत्व को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए स्वास्थ्य की नींव रखती है.
जन-स्वास्थ्य की ओर एक जन-आंदोलन
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अब एक जन-स्वास्थ्य क्रांति का रूप ले चुका है. किशनगंज में इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जहां स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और समुदाय मिलकर एक सुरक्षित मातृत्व की दिशा में कार्य कर रहे हैं.हर महीने आयोजित होने वाले इन शिविरों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर मां सुरक्षित रहे, हर बच्चा स्वस्थ जन्मे.
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