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डेम्यु ट्रेन में शौचालय न होने से यात्रियों को झेलनी पड़ रही परेशानी

यात्रियों व ट्रेनों से जुड़ी सूचनाओं के प्लेटफॉर्म पर माइक से प्रसारण की फेहरिस्त में डेम्यु सरीखी लोकल ट्रेनों के बारे में एक आवश्यक सूचना जोड़नी बेहद जरूरी है.

ठाकुरगंज.यात्रियों व ट्रेनों से जुड़ी सूचनाओं के प्लेटफॉर्म पर माइक से प्रसारण की फेहरिस्त में डेम्यु सरीखी लोकल ट्रेनों के बारे में एक आवश्यक सूचना जोड़नी बेहद जरूरी है. क्योंकि ये सीधे-सीधे यात्रियों की सहुलियत और स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मसला है.

दरअसल ठाकुरगंज से गुजरने वाली डेम्यु लोकल ट्रेनों में शौचालय नहीं है. अगर आपको रास्ते में शौच की तलब लग जाए तो ट्रेन रुकने का इंतजार करने के सिवाय कोई चारा नहीं है. ऐसा तब है कि पूरे देश में प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके लिए घर-घर शौचालय बनाने की मुहिम जारी है. लोगों को खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में सचेत किया जा रहा है. विरोधाभास है कि रेलवे रोजाना इन ट्रेनों के हजारों यात्रियों को खुले में शौच करने के लिए विवश कर रहा है. यह नजारा आम है. लोकल ट्रेनों के किसी स्टेशन के आउटर सिग्नल पर रुकते दर्जनों यात्री उतर जाते हैं और शौच से निवृत होकर चैन की सांस लेते हैं.

एक्सप्रेस ट्रेनों में शौचालय पर डेम्यु में नहीं

अलुआबाड़ी-ठाकुरगंज-सिलीगुड़ी होकर कई ट्रेने चल रही है है इनमें एक्सप्रेस ट्रेनों मे बाथरूम है. परंतु डीएमयू पैसेंजर ट्रेन छोटी दूरी के लिए परिचालन की दृष्टि से बेहतर मानी जाती है. इसमें यात्री क्षमता अधिक रहती है. साथ ही खड़े रहने की क्षमता भी साधारण कोच से ज्यादा है. लेकिन डीएमयू में शौचालय युक्त रैक के लिए रेलवे बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है.

कष्टदायी है डेम्यु की यात्रा

इस मामले में किशनगंज जाने वाले निक यात्री सुशांत साह, संतोष झा आदि ने सवाल किया कि ट्रेन में शौचालय युक्त डीएमयू बोगी लगाने की योजना क्यों नहीं बनाई जा रही है? क्या लोकल पैसेंजर को शौच नहीं लगती. वहीं मीरा देवी ने कहा कि किशनगंज से ठाकुरगंज के करीब डेढ घंटे का सफर बड़ा कष्टदायी है. महिलाएं तो

खुले में शौच भी नहीं कर सकतीं. सांतनु सरकार ने कहा कि एक तरफ सरकार खुले में शौच करने पर मनाही कर रही है और दूसरी तरफ लोकल ट्रेन के यात्रियों को खुले शौच करने पर विवश कर रही हैं, ऐसा क्यों? कई यात्री शुरुआती स्टेशन से अंतिम गंतव्य स्टेशन तक के लिए सफर करते हैं. रास्ते में शौच की तलब हो गई तो

मुसीबत हो जाती है.

पुराने डेम्यु में नहीं है टॉयलेट

इस मामले में कटिहार रेल मंडल के डीरएम् से जब सम्पर्क किया गया तो उनसे जब सम्पर्क नहीं हो पाया तब रेल मंडल के सीनियर डीसीएम् ने बताया कि लोकल पैसेंजर ट्रेनों को छोड़ किसी भी डीएमयू में टॉयलेट लगाने का प्रावधान नहीं है. नई रेक में टॉयलेट लगा आ रहा है. उन्होंने कहा कि टॉयलेट युक्त डीएमयू ट्रेन की

योजना रेलवे बोर्ड के निर्णय पर निर्भर है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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