किशनगंज. जिले के सुदूरवर्ती और भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया निवासी आर्यण ठाकुर ने जेईई मेंस की परीक्षा में 99.27 परसेंटाइल अंक लाकर दिघलबैंक सहित जिले का नाम रोशन किया है. आर्यण की सफलता से परिवार और परिजनों में खुशी का माहौल है. आर्यण दिघलबैंक प्रखंड से जेईई परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले पहले छात्र हैं. आर्यण देहरादून के पब्लिक स्कूल से बारहवीं का छात्र है. जिसका रिजल्ट अभी आना बाकी है. आर्यण का यह पहला ही प्रयास था. ये प्रारंभ में एक कोचिंग से भी जुड़े रहे लेकिन बाद में इन्होंने अपनी सारी तैयारी ऑनलाइन कोर्स से किया. इनके पिता विवेकानंद ठाकुर ने बताया कि मैट्रिक तक आर्यन पढ़ाई के प्रति उतने सीरियस नहीं था और उन्होंने भी पढ़ाई को लेकर कभी अनावश्यक दवाब नहीं डाला. लेकिन उसे सदा नैतिक शिक्षा देकर सपनों को सजाना सिखाया. उनके पिता ने बताया कि आर्यण का मन तकनीकी कार्यों में अधिक लगा रहता था.पांचवीं क्लास में उसने कूट कागजों से एक लैपटॉप बनाकर कागज कलम से वर्णाक्षरों को लिखकर की पैड बनाया और उस पर अंगुली चलाते रहते थे,जिस कारण उन्होंने पांचवीं वर्ग में ही उसे लैप टॉप खरीद दिया था. बिना किसी की मदद के आर्यण को लैपटॉप की गहरी जानकारी थी.इसी से प्रभावित होकर उन्होंने उसे जेईई की तैयारी के लिए देहरादून भेज दिया. जहां वे स्कूल भी करते रहे और घर पर ऑनलाइन जेईई की तैयारी भी करते रहे. ग्यारहवीं कक्षा का अधिकांश समय उसे जेईई को समझने में ही बीत गया लेकिन बारहवीं में आर्यण ने कड़ी मेहनत की और अपने पहले प्रयास में ही 99.27 परसेंटाइल लाकर सफलता हासिल की.लेकिन आर्यन का मुख्य लक्ष्य जेईई एडवांस है.जिसके लिए अभी आर्यण देहरादून में ही रह कर कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
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