किशनगंज. पटना उच्च न्यायालय द्वारा गठित विधिक सेवा समिति की टीम द्वारा बुधवार को मंडल कारा का निरीक्षण किया गया. पटना उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति की टीम के सदस्य उपेन्द्र प्रसाद सिंह और विनोद कुमार ने मंडल कारा का दौरा किया. टीम के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ओम शंकर भी शामिल थे. यह निरीक्षण सजावार बंदियों की पहचान और उन्हें विधिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई. निरीक्षण के दौरान समिति ने सबसे पहले सभी बंदी वार्डों का बारी-बारी से मुआयना किया और बंदियों से विधिक सहायता की उपलब्धता के बारे में विस्तृत बातचीत की. इस दौरान पटना उच्च न्यायालय द्वारा गठित टीम द्वारा बंदियों को निशुल्क विधिक सेवा के अवसरों की जानकारी दी गई जो निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च अदालत तक उपलब्ध है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित चार बिंदुओं पर पड़ताल की गई है. निर्धारित चार बिंदुओं के अंतर्गत कारा का निरीक्षण किया जा रहा है. निरीक्षण के दौरान मंडल कारा किशनगंज से एक सजावार बंदी की पहचान की भी गई है. पहचान किए गए बंदी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की जाएगी जिससे कि उन्हें न्याय प्राप्त हो सके. टीम के सदस्यों ने कहा कि इस निरीक्षण के माध्यम से न सिर्फ बंदियों की समस्याओं को समझने का प्रयास किया गया, बल्कि उन्हें न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और सहायता उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाए गए है. न्यायिक सिस्टम में सुधार के इस महत्वपूर्ण कदम से बंदियों को उनके अधिकारों के प्रति और भी जागरूक किया जा रहा है. न्यायालय की यह पहल सामाजिक न्याय के प्रति एक दृढ़ कदम है, जो सुनिश्चित करती है कि कोई भी सजावार बंदी न्याय से वंचित न रहे. समिति के सदस्यों ने कहा कि निरीक्षण का उद्देश्य यह भी है की संबंधित व्यक्ति जो आर्थिक रूप से कमजोर है उन्हें भी इसका लाभ मिले. निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक जेएल प्रभाकर, सहायक जेल अधीक्षक पवन कुमार साह,सहायक जेल अधीक्षक प्रदीप कुमार सिंह, विधिक सेवा के तौसीफ आलम मौजूद थे.
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