ठाकुरगंज. पाकिस्तानी व्हाट्सअप कॉल के जरिए किया जा रहा साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है. रविवार को अकेले ठाकुरगंज शहर में दो घटनाएं सामने आ गयी हैं. यह वे मामले हैं जो सार्वजनिक हो गए हैं, लेकिन माना यह जा रहा है कि इनकी संख्या कहीं ज्यादा होगी, जिनमें व्हाट्सअप कॉल के जरिए लोगों को उनके बाहर पढऩे वाले बच्चों को गिरफ्तार कर केस में फंसाने की बोलकर धमकाने का प्रयास किया गया हो. केस-1 एक पीड़ित ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रविवार सुबह उनकी लड़की जो दिल्ली में पढ़ रही है के नाम पर फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया. हालांकि वे सतर्क होने के कारण जालसाजी से बच गए. इन सब घटनाओं के बाद भी अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन साइबर ठगों के पास बच्चों से संबंधी पूरी जानकारी कहां से पहुंच रही है. केस-2 इसी तरह इस संवादाता के पास भी रविवार सुबह पाकिस्तान नंबर से व्हात्साप कॉल आया. नंबर पर एक पुलिस अधिकारी की डीपी लगी थी. वह पूरे रौब में बोला कि मैं सीबीआई से दुर्जन सिंह बोल रहा हूं. आपकी बेटी बाहर पढ़ रही है. अपने को दिल्ली से बात करने पर जब उससे कहा गया की नंबर तो पाकिस्तान का है तो खुद को सीबीआइ का अधिकारी बता रहा शख्स भड़क गया. हालांकि ऐसे कॉल के संबंध में जानकारी होने के चलते रविवार की दोनों घटना में जालसाजी से बच गये. ये एहतियात बरतें -प्लस-91 के अलावा आने वाले अनजान नंबर से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल, वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं. -अपने परिवार व बच्चों संबंधी जानकारी न किसी के साथ साझा न करें. -फोन आने पर घबराएं नहीं, समझदारी से काम लें और सबसे पहले जिसके नाम पर डराया जा रहा है उससे संपर्क करें. -यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत सायबर क्राइम हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर 1930 पर करें. -भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है. -अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार, पेनकार्ड आदि किसी के साथ साझा न करें.
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