पौआखाली. लोहिया स्वच्छता मिशन अभियान की पंचायतों में धज्जियां उड़ायी जा रही है. एक तरफ स्वच्छता के लिए सरकार कई कार्यक्रम चला रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी संस्थाओं में फैली गंदगी स्वच्छता अभियान का मखौल उड़ा रही है. दरअसल ठाकुरगंज प्रखंड के भौलमारा ग्राम पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरायकुड़ी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें विद्यालय परिसर में काफी तादाद में कूड़ा करकट का ढेर जमा पड़ा है जिसकी साफ सफाई में ना तो पंचायत के सफाई कर्मी और ना ही विद्यालय के शिक्षक कर्मी ही रुचि ले रहे हैं. विद्यालय जहां छोटे छोटे बच्चे पढ़ाई लिखाई से लेकर खेलकूद आदि चीजे करते हैं और उन्ही विद्यालय का परिसर कूड़ा करकट के ढेर में तब्दील रहे तो यह अच्छी बात नहीं कही जाएगी. शिक्षक जिन बच्चों को सुरक्षित शनिवार के दौरान स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता का पाठ पढ़ाया करते हैं वैसे शिक्षक खुद ही विद्यालय परिसर में गंदगी की सफाई के प्रति संवेदनहीन बने हुए हैं. गौरतलब हो कि साफ सफाई के लिए पंचायतों में सफाई कर्मियों की भी नियुक्ति की गई है जिनका काम है सूखे और गीले कचरों का उठावकर कचरा प्रबंधन घर में जमा करना. बावजूद इस पर ईमानदारी से कार्य नही होना काफी चिंता का विषय है. विद्यालय परिसर में डस्टबिन नदारद दिख रही है इनसे यही पता चलता है कि विद्यालय की साफ सफाई कैसे होती होगी और विद्यालय के शिक्षककर्मी स्वच्छता के प्रति कितने संवेदनशील हैं.
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