दिघलबैंक सोमवार को भारत-नेपाल सीमा पर एक नाबालिग लड़के को बाल मजदूरी के चंगुल से बचाया. इंडो नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की एफ कंपनी दिघलबैंक और जन निर्माण केंद्र किशनगंज की संयुक्त टीम के प्रयास से यह संभव हो सका. यह कार्रवाई दिघलबैंक चेक पोस्ट पर वाहनों और यात्रियों की नियमित जांच के दौरान की गई. पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि वह नेपाल मजदूरी करने जा रहा था. एसएसबी की टीम ने उसे तत्काल रोककर सुरक्षा में लिया और दिघलबैंक थाने को सूचना दी. इसके बाद नाबालिग को जन निर्माण केंद्र किशनगंज को सौंप दिया गया, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया और उसकी देखभाल की जाएगी. इस घटना की जानकारी एसएसबी के सहायक कमांडेंट प्रिय रंजन चकमा ने दी. उन्होंने बताया कि सीमा पर मानव तस्करी और बाल मजदूरी जैसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. ऐसे प्रयासों से कई नाबालिगों को पहले भी बचाया गया है. यह घटना एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा पर बाल तस्करी और मजदूरी के खतरे को उजागर करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि गरीबी और जागरूकता की कमी के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों के बच्चे ऐसे जोखिम में पड़ जाते है. ऐसे में एसएसबी की मुस्तैदी सराहनीय है.
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