किशनगंज कन्या भ्रूण हत्या रोकने और पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर डीआरडीए कनकई सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन आईसीडीएस किशनगंज के द्वारा किया गया. जिसमें जिले के कई चिकित्सक, डायग्नोस्टिक सेंटर के टेक्नीशियन एवं प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे. कार्यशाला का शुभारंभ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जीनत यासमीन, सिविल सर्जन मंजर आलम, आईएमए अध्यक्ष एवं सचिव के द्वारा दीप प्रजवलित कर किया. कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका कुमारी गुड्डी ने किया. उन्होंने अपनी जागरूकता कक्षाओं के अनुभव साझा किए, जिससे बच्चियों को काफी लाभ हुआ है. इस अवसर पर डीपीएम शमीम अंसारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से इसके कानूनी पहलुओं और समाज में इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि भ्रूण लिंग जांच न केवल अनैतिक है बल्कि गैरकानूनी भी है और इसके उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान है. कार्यक्रम के सफल आयोजन में आईसीडीएस कोऑर्डिनेटर शाहबाज आलम एवं सुशील कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा. कार्यशाला के दौरान “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ” अभियान को मजबूत करने और समाज में जागरूकता फैलाने पर विशेष जोर दिया गया. कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी गई, जिससे कोई भी इस संबंध में शिकायत दर्ज करा सकता है. इस कार्यशाला से यह संदेश गया कि समाज में लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित करने और लैंगिक समानता स्थापित करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे.
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