आरबीएसके योजना के तहत किशनगंज से तीन मरीज भेजे गए भागलपुर
किशनगंजगरीब परिवारों के लिए बच्चों की गंभीर बीमारियां न केवल चिंता का विषय होती हैं बल्कि जीवन पर भारी आर्थिक बोझ भी डालती हैं. खासकर क्लबफुट जैसी स्थिति, जिसमें बच्चा जन्म से ही टेढ़े पैर के साथ पैदा होता है, उसका इलाज महंगा होने की वजह से सामान्य परिवारों के लिए कठिन है. ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ने इन परिवारों को एक बड़ी राहत दी है. अब जांच से लेकर बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन और इलाज तक की सुविधा पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध है. इसी कड़ी में आज किशनगंज सदर अस्पताल से क्लबफुट से पीड़ित तीन बच्चे परी कुमारी, दिलकश और हेमंत मलिक को इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच भागलपुर रवाना किया गया.
गरीबी और ईलाज की चुनौती
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि क्लबफुट से प्रभावित बच्चों के परिवारों के लिए इलाज की निशुल्क व्यवस्था है, ऐसै बच्चों को मुफ्त जांच के साथ-साथ बड़े अस्पतालों जैसे रेफरल अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है.
गरीब परिवारों के जीवन में नई रोशनी जगाई है
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य किसी भी समाज की प्रगति की नींव है. सरकार की इस योजना ने गरीब परिवारों के जीवन में नई रोशनी जगाई है. जिला प्रशासन हर ज़रूरतमंद परिवार को इस सुविधा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
बच्चों की पहचान और रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है
डीईसी पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि अब तक जिले में दर्जनों बच्चों का निःशुल्क उपचार कराया गया है. क्लबफुट जैसी समस्या यदि समय पर पहचानी जाए तो उसका पूरा इलाज संभव है. आरबीएसके टीम गांव-गांव जाकर बच्चों की पहचान और रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है.
परिवारों में जागी उम्मीद
आज भागलपुर रवाना किए गए तीनों बच्चों के अभिभावक भावुक नजर आए. उनका कहना था कि अगर यह योजना नहीं होती तो वे कभी इलाज का खर्च नहीं उठा पाते. अब उन्हें विश्वास है कि उनके बच्चे भी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकेंगे.
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