किशनगंज. सरकारी विद्यालयों में शतरंज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘चेस-इन-स्कूल’ योजना का विस्तार अब पश्चिम बंगाल में भी किया जा रहा है. जिला शतरंज संघ के तत्वावधान में इसके लर्निंग पार्टनर ‘चेस क्रॉप्स’ द्वारा छात्रों को निःशुल्क शतरंज प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस पहल को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ फिडे का समर्थन प्राप्त है. इस सूत्र में बुधवार को बंगाल के बेलन हाई स्कूल (एचएस) में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उद्घाटन जिला शतरंज संघ के कार्यकारी अध्यक्ष धनंजय जायसवाल ने किया. इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय को 10 अंतरर्राष्ट्रीय चेस सेट भेंट किए, जिससे छात्र नियमित अभ्यास कर अपने खेल कौशल को निखार सकें. कार्यक्रम में प्रमुख प्रशिक्षक एवं अंतरर्राष्ट्रीय शतरंज कोच कमल कर्मकार ने छात्रों को शतरंज की बारीकियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि यह योजना छात्रों के मस्तिष्क विकास, रणनीतिक सोच, और निर्णय लेने की क्षमता कोबढ़ाने में मदद करेगी.विद्यालय के प्रधानाध्यापक गौतम दास तथा शिक्षक रंजीत कुमार अधिकारी, समित विश्वास, तपन कुमार दत्ता, पंपा दास, मोहम्मद असरारुल हक और रोशिक मार्डी के आग्रह पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण शिविर में अंकुज दास, अबू हेलाल, विक्रम साव, बंटी जोगी, कुंदन राम, मेहताब अली खान, आशा घोष, विनीता जोगी, संगीता शील, मास्फिका खातून, पूनम दास और रोकिन खातून सहित 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.जिला शतरंज संघ के महासचिव शंकर नारायण दत्ता ने बताया कि ‘चेस-इन-स्कूल’ योजना का लक्ष्य बच्चों में तार्किक और विश्लेषणात्मक सोच विकसित करना है. आने वाले महीनों में इस योजना को अन्य जिलों के विद्यालयों में भी लागू किये जाएंगे.
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