किशनगंज
जैसे-जैसे नया वर्ष करीब आने लगता है सभी के मन में नई उम्मीद जागने लगती हैं. आने वाला वर्ष कैसा रहेगा. वर्तमान वर्ष की तुलना में साल अच्छा गुजरेगा या नहीं. गुरुवार एक जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होता है. इस शुभ अवसर पर गुरु प्रदोष व्रत मनाया जाएगा. साथ ही रोहिणी व्रत का भी संयोग है. पुरोहितों की मानें तो पंचाग के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत के दिन यानी नए साल के पहले दिन शुभ और शुक्ल समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं. इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होगा. साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी.पुरोहित घनश्याम झा के अनुसार एक जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का संयोग देर रात 10 बजकर 22 मिनट तक है. इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव की पूजा की जाएगी. नए साल के पहले दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय संध्याकाल में शाम 05 बजकर 04 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 45 मिनट तक है. नए साल के पहले दिन शुभ योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी.साथ ही साधक पर शिवजी की कृपा बरसेगी.शुभ योग का संयोग शाम पांच बजकर 12 मिनट तक है. इसके बाद शुक्ल योग का संयोग है. पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शुक्ल योग का संयोग बन रहा है. इस योग का निर्माण शाम पांच बजकर 13 मिनट से हो रहा है. ज्योतिष शुक्ल योग को शुभ मानते हैं. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी.शिववास योग
नए साल के पहले दिन शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है.शिववास योग में महादेव का अभिषेक करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

