पहाड़कट्टा. मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय अर्राबाड़ी में सोमवार से उर्वरक विक्रेताओं के लिए समेकित पोषक तत्व प्रबंधन पर 15 दिवसीय स्ववित्तपोषित आवासीय प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम का चौथा बैच प्रारंभ हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत डॉ एससी पॉल द्वारा मुख्य अतिथि डॉ के सत्यनारायण एसोसिएट डीन सह प्रिंसिपल, डीकेएसी का पुष्पगुच्छ भेंट कर की. इसके पहले मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्धघाटन किया. डॉ एससी पॉल ने प्रतिभागियों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने और संतुलित उर्वरक उपयोग की दिशा में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उर्वरक व्यवसाय की गहन समझ प्रदान करेगा. जिससे किसान एवं कृषि उद्योग दोनों को लाभ मिलेगा. कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने क्रमवार अपना परिचय दिया, जिसमें उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि, अनुभव एवं प्रशिक्षण से अपेक्षाओं को साझा किया. इससे आपसी संवाद और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर दिशा मिली. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उर्वरक कृषि का एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है, जिसका वितरण प्रमुख रूप से विक्रेताओं के माध्यम से होता है. ऐसे में यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विक्रेताओं की पेशेवर क्षमता को सशक्त करने और वैज्ञानिक उर्वरक प्रबंधन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा. मुख्य अतिथि डॉ के सत्यनारायण एसोसिएट डीन सह प्रिंसिपल, डीकेएसी ने अपने संबोधन में कहा कि उर्वरक कृषि का एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है, जिसका वितरण प्रमुख रूप से क्रेताओं के माध्यम से होता है. ऐसे में यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विक्रेताओं की पेशेवर क्षमता को सशक्त करने और वैज्ञानिक उर्वरक प्रबंधन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा. इस अवसर पर डॉ स्वराज दत्ता विभागाध्यक्ष सस्य विज्ञान, डॉ हिना परवीन, डॉ मोहसिना, मनीष, डॉ सोना कुमार, डॉ देवेंद्र मंडल, डॉ रीना रॉय, डॉ श्वेता कुमारी तथा डॉभोला नाथ साहा भी उपस्थित रहे. बता दें कि किशनगंज और पूर्णिया के विभिन्न प्रखंडों से आए 30 किसान इस पाठ्यक्रम में भाग लिए जो मृदा स्वास्थ्य और पोषक तत्व प्रबंधन में विशेषज्ञता हासिल करेंगे.
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