किशनगंजः प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पद से इस्तीफा देने के बाद क्षेत्र की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. क्षेत्र का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. लोगों में प्रदेश की राजनीति को लेकर तरह-तरह की चर्चा होने लगी. इस परिस्थिति पर क्षेत्र के राजनेतओं व बुद्धिजीवियों ने बेबाकी से अपनी प्रतिक्रिया दी.
विधान पार्षद सह भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के अपमान जनक प्रदर्शन के कारण ही इस्तीफा दिया है. अब बिहार के निश्चित रूप से अच्छे दिन आने वाले हैं. उन्होंने कहा कि पटना गांधी मैदान में हुंकार रैली के दौरान ही राज्य की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया था. रैली के दौरान भाई नरेंद्र मोदी ने बिहार को 50 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा कर दी थी. केंद्र में मोदी सरकार के गठन के साथ ही यह पैकेज बिहार को मिल जायेगा व इस पैकेज से हमारा राज्य विकसित राज्यों की श्रेणी में आ सकेगा. उन्होंने कहा कि जनता अब यहां भी सत्ता परिवर्तन चाहती है.
नौशाद आलम : ठाकुरगंज के जदयू विधायक नौशाद आलम ने इस पूरे घटना क्रम पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. कहा कि नीतीश कुमार ने कुछ सोच कर ही इतना बड़ा निर्णय लिया होगा. जहां तक उनकी बात है वह पार्टी के वफादार सिपाही की तरह कार्य करते रहेंगे.
मास्टर मुजाहिद आलम : नव निर्वाचित जदयू के विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने जनमत का सम्मान करते हुए अपनी हार स्वीकार की है व इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि कल विधायक दल की बैठक है जिसमें राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की जायेगी.
जिप अध्यक्ष सह जदयू के वरिष्ठ नेता कमरूल होदा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नैतिक जिम्मेदारी के तहत अपना त्याग पत्र महामहिम राज्यपाल को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं को धरातल पर उतारा. श्री होदा ने कहा कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता की तरह कार्य करते रहेंगे.
जदयू नेता वसीम रजा खान उर्फ कैप्टन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफा नैतिकता के आधार पर दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में जंगल राज को दूर कर सौहार्द का वातावरण बनाया था.
वार्ड पार्षद मनीष कुमार जलान नीतीश कुमार के इस्तीफे को साहसिक कदम बताते हुए कहा कि हाल के दिनों में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के रूख को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लिया है व एक बार फिर से जनता के बीच जाने का फैसला किया है.
वहीं डॉ शिव कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप कर खुद को बेदाग साबित करने की चेष्टा की है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को मुख्यमंत्री इमोशन ब्लैक मेल करना चाहते हैं.
भाजपा नेता सिकंदर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जनता के फैसले को देख भयभीत हो गये हैं. उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें उनके किये की सजा दे दी है व आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान भी मुंहतोड़ जवाब देने का मन बना लिया है.
जदयू प्रदेश महासचिव प्रो मुसब्बीर आलम ने इसे जनमत को देखते हुए नैतिक जिम्मेदारी के आधार पर उठाया गया कदम बताया व कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा भंग न करने की सिफारिश कर किसी के लिए भी नयी सरकार गठन करने का वैकल्पिक व्यवस्था छोड़ रखा है जो अब महामहिम राज्यपाल के पाले में है.
अधिवक्ता अबुलेश शॉरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धैर्य से काम लेना चाहिए था. लेकिन जल्द में उठाया गया कदम घातक सिद्ध हो सकता है.