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सियादतपुर अगुवानी उपमुखिया को मिला मुखिया का प्रभार

जुलाई माह में हो सकता है उपचुनाव

पलटू झा, परबत्ता .

प्रखंड के सियादतपुर अगुवानी पंचायत के उपमुखिया को मुखिया का प्रभार मिला है. गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षण का लाभ लेने वाली मुखिया स्मृति कुमारी को निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है. बताया जाता है कि गलत प्रमाण पत्र पर मुखिया बनी स्मृति कुमारी के विरुद्ध जल्द ही प्राथमिकी दर्ज होगी. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मुखिया स्मृति कुमारी को पदच्युत किए जाने बाद पंचायत के उपमुखिया क्रांति देवी को पंचायत राज नियमावली 2006 के तहत मुखिया का स्वतंत्र प्रभार प्राप्त हो गया है. अब क्रांति देवी पंचायत की अगली मुखिया के तौर पर सभी दैनिक कार्यों को पूरा करेंगी.

मुखिया से छिना गया अधिकार

वित्तीय प्रभार प्राप्त करने के लिए दो से तीन दिनों का वक्त लग सकता है. परबत्ता प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि आयोग द्वारा पत्र प्राप्ति के साथ ही वर्तमान मुखिया से सभी अधिकार ले लिया गया है. इसके साथ ही वर्तमान उपमुखिया स्वतंत्र पंचायत की मुखिया के रूप में कार्यरत हो चुकी है. जल्द ही सभी औपचारिकताओं को पूरा कर वित्तीय प्रभार भी सौंप दिया जायेगा.

मुखिया पर दर्ज होगी प्राथमिकी

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र के माध्यम से जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी को वर्तमान सियादतपुर अगुवानी मुखिया ( प्रतिवादी ) के विरुद्ध गलत शपथ पत्र के आधार पर निर्वाचन में भाग लेने एवं आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के आरोप में सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.

जुलाई माह में हो सकता है उपचुनाव

किसी भी पंचायत का प्रधान मुखिया होता है. इसका निर्वाचन प्रत्यक्ष चुनाव के जरिए होता है. लेकिन मृत्यु, त्यागपत्र अथवा किसी अन्य कर्म से मुखिया का पद रिक्त हो जाने पर 6 महीने के अंदर उक्त पद के लिए निर्वाचन करना आवश्यक है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकसभा आम चुनाव को लेकर लगे आचार संहिता बाद उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. पंचायत उपचुनाव की सभी प्रक्रिया जुलाई अगस्त माह तक पूरा होने की उम्मीद है. तब तक उपमुखिया ही पंचायत के मुखिया बने रहेंगे.

स्मृति कुमारी को क्यों होना पड़ा पदच्युत

बीते वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में मुखिया उम्मीदवार के तौर पर दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी ने मुखिया पद पर जीती हुई प्रत्याशी स्मृति कुमारी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठाया एवं अलग-अलग जगह पर इसे लेकर परिवाद दर्ज कराया. देवेंद्र शर्मा का आरोप था कि स्मृति कुमारी के पिता सुढ़ी जाति से हैं जो बिहार में पिछड़ा वर्ग के एनेक्सर दो में आता है. पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर एनेक्सर एक में अधिसूचित जातियों के अभ्यर्थियों को चुनाव में भाग लेने का नियम है. बताया जाता है कि कई स्तर की जांच के बाद रिपोर्ट आने पर आयोग ने यह माना कि परिवादी द्वारा लगाया गया आरोप सही है. लेकिन, तभी तकनीकी कारणों से देवेंद्र प्रसाद शर्मा को राज्य निर्वाचन आयोग से निराशा हाथ लगी. लेकिन, तभी डुमरिया बुजुर्ग निवासी विभूति कुंअर कुमार ने सभी साक्ष्य को आधार बनाकर एक अन्य वाद संख्या 48 /2023 दायर किया था. जिसपर पर सुनवाई जारी रही अंतत 5 अप्रैल 2024 को राज्य निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी कर मुखिया को अयोग्य घोषित कर दिया.

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