खगड़िया.गोगरी. ज्येष्ठ माह की अमावस्या को पति की लंबी आयु के लिए मनाया जाने वाला वट सावित्री पूजा अनुमंडल क्षेत्र में सुहागिनों ने हर्षोल्लास पूर्वक विधि विधान से मनाया. सोमवार को पति की लंबी आयु की कामना के साथ सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की और व्रत रखा. महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा सुनकर अपने पति के लिए लंबी उम्र की कामना के साथ वट सावित्री का पर्व मनाया. सोमवार सुबह मौसम खराब होने और क्षेत्र में बारिश होने के बावजूद जमालपुर बाजार स्थित नवरत्न पुरानी शिव मंदिर में हजारों की संख्या में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए पूजा की. इस अवसर पर सुहागिनों ने बरगद के पेड़ के पास पति की लंबी आयु की कामना के लिए पूजा-अर्चना की. सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर बरगद वृक्ष के समझ पूजा अर्चना की. सुहागिनों ने अक्षय वट की परिक्रमा करते हुए वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर सभी व्रतियों ने पति की लंबी आयु की कामना की. वट सावित्री व्रत के दौरान महिलाओं ने संपूर्ण श्रृंगार कर वट वृक्ष को धागा से लपेटे हुए सात बार वट वृक्ष की परिक्रमा कर अपने पति की लंबी आयु की कामना की. मान्यता यह है कि इस व्रत को करने से महिलायें आजीवन सुहागन रहती हैं. पूजा के दौरान महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी. यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है. वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म की महिलाओं का एक महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत को सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं. वट वृक्ष को धागा से बांधकर, उस पर फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित किया. कुछ महिलाओं ने व्रत भी रखा था. पूजा के दौरान महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी. वट सावित्री की कथा महाभारत में वर्णित है. इस कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु के बाद यमराज से उनका जीवन वापस मांग लिया था.
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