गोगरी. 14 मार्च को होली है, जिसकी तैयारी शुरू हो गयी है. लेकिन इस बीच अगर आप बाजार में रंग गुलाल खरीदने जा रहे हैं तो सावधान हो जायें. मार्केट में इस समय भारी संख्या में नकली गुलाल बिक रहा है. नकली गुलाल बहुत ही सस्ते मिलते हैं. इसमें गुलाल डीजल, इंजन वाइल, कॉपर सल्फेट व शीशे जैसे हानिकारक पदार्थ मिलाये जाते हैं. जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. इन रंगों को खेलने के चक्कर में सिर दर्द और सांस लेने में दिक्कतें होती है. साथ ही सेहत और शरीर दोनों पर ही इसका बुरा प्रभाव होता है. होली पर मिलावटी रंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए. हर्बल रंगों का प्रयोग करने से बहुत लाभ होगा. चाहे तो फ्लेवर्ड रंगों का उपयोग भी कर सकते हैं. यह फलदाई होगा. होली में रंग लेने जायें तो यदि रंगों से केमिकल या पेट्रोल की गंध आये तो उसे न खरीदें. साथ ही जो रंग चमकदार नजर आये उसे भी न लें. इन सभी में मिलावट होती है. साथ ही सिल्वर, गहरा पर्पल या काला रंग भी ना लें. इसमें अधिक मिलावट होती है. नकली रंग गुलाल और अन्य सामग्री धड़ल्ले से बाजार में बिक रहा है. तमाम कोशिशों के बावजूद भी ऐसे नकली सामग्री बेचने वालों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. बताया जाता है कि कई ऐसे घातक केमिकल से भी रंग और अबीर तैयार कर बाजारों में बेचा जा रहा है जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए छोटे बच्चे समेत अन्य को इस तरह के मिलावटी रंग और गुलाल से होली का त्योहार मनाने से बचना चाहिए.
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