खुशखबरी. 100 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा खगड़िया में निर्माण
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नये साल में ओवर ब्रिज का तोहफा
खुशखबरी. 100 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा खगड़िया में निर्माण नये साल में शहरवासियों को रेल ओवरब्रिज का तोहफा मिल सकता है. इसके लिये युद्धस्तर पर काम जारी है. लगभग 100 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण के लिए लगातार आंदोलनों का दौर चला. […]
नये साल में शहरवासियों को रेल ओवरब्रिज का तोहफा मिल सकता है. इसके लिये युद्धस्तर पर काम जारी है. लगभग 100 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण के लिए लगातार आंदोलनों का दौर चला.
खगड़िया : ब कुछ ठीक-ठाक रहा तो नये साल में शहरवासियों को रेल ओवरब्रिज का तोहफा मिल सकता है. इसके लिये युद्धस्तर पर काम जारी है. दिन रात निर्माण कार्य चल रहा है. पाया निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है
. रेलवे ओवर ब्रिज पर गार्डर स्लैब का कार्य पूर्ण किया जा रहा है. लगभग 100 करोड़ की लागत से इरकॉन कंपनी के नेतृत्व में हरि कंस्ट्रक्शन द्धारा ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. यह पुल वाई आकार का होगा. जिसका क्षेत्रफल एक किलोमीटर प्लस की दूरी तय करेगा.
वाई आकार में पहला छोर समाहरणालय की ओर है तो दूसरा छोर गोशाला रोड को जोड़ेगा. इससे आवाजाही में सहूलियत के साथ-साथ शहर की सूरत भी बदल जायेगी. साथ ही जाम से आम लोगों को निजात मिलने की उम्मीद है.
काफी आंदोलन के बाद मिली सौगात : रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण यूं ही नहीं शुरू हुआ है. इसके लिये लगातार आंदोलनों का दौर चला. तब जाकर सरकार व जनप्रतिनिधियों की नींद खुली और रेल ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति मिली. 2012-2013 में जाम से निजात पाने को लेकर जिले के विभिन्न दलों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. यहां तक कि प्रदर्शनकारियों द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को खगड़िया में प्रवेश पर रोक लगाने का भी एलान किया गया. सामाजिक कार्यकत्ताओं का धरना प्रदर्शन रंग लाया और अब रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य जोरों पर है.
थोड़ी सी बारिश में चलना भी मुश्किल : बीते दो वर्षों से थोड़ी सी बारिश होने पर सदर अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय तथा समाहरणालय आने जाने में खतरों से जूझना पड़ रहा है. सन्हौली सूर्य मंदिर चौक,से लेकर पटेल चौक,यांत्रिक कर्मशाला से पटेल चौक के हालात पूर्वी केबिन ढाला के बंद होने से और भी बदतर हो गये हैं. यह स्थिति बीते कई वर्षों से शहरवासियों को झेलना पड़ रहा है. अब तो ऐसे हालात में चलने की लोगों को आदत सी पड़ गई है.
लेकिन लगता है जल्द ही अच्छे दिन आने वाले हैं. जब राजेन्द्र चौक से ओवर ब्रिज के माध्यम से समाहरणालय तथा गौशाला रोड का आवागमन शुरू होते ही शहरवासियों तथा जिले वासियों को जाम से छुटकारा मिलने की उम्मीद है.
अंग्रेजी के वाई आकार का रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए मजदूर से लेकर कंट्रक्शन इंजीनियर द्वारा दिन रात काम कराया जा रहा है. राजेन्द्र चौक से लेकर तथा यांत्रिक कर्मशाला समीप तक पुल पर स्लैब का निर्माण किया जा रहा है.
कहते हैं इंजीनियर
हरि कंस्ट्रक्शन के इंजीनियर नवल किशोर सिंह ने बताया कि जनवरी 2017 में पूल निर्माण कार्य पूर्ण होने का एकरारनामा है. संभवत : इससे पहले की काम पूरा कर लिया जायेगा. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा मजदूर लगाये गये हैं. पुल से संबंधित सभी आवश्यक सामग्री का निर्माण भी मथुरापुर रोड स्थित वर्कशॉप में किया जा रहा है.
निर्माण होने से होगी सुविधा
रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण पूर्ण हो जाने से कई सुविधा मिलने लगेगी. चाहे जाम से छुटकारा की बात हो या जल्दी पहुंचने की. पुल निर्माण के बाद इन समस्याओं से काफी हद तक निजात मिलने की संभावना है. पुल पर छोटे-बड़े वाहन की आवाजाही के अलावा पैदल चलने की व्यवस्था है.
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