शहर में आज निकलेगी बेलभरनी की शोभा यात्रा लखीसराय: शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में सोमवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की गयी. भक्तों ने षष्ठी के मौके पर मां के कात्यायनी स्वरूप की उपासना की. कात्यायनी ऋषि के यहां जन्म लेने के कारण माता के इस स्वरूप का नाम कात्यायनी पड़ा. माना जाता है कि मां कात्यायनी शत्रुहंता है, इसलिए उनकी पूजा करने से शत्रु पराजित होते हैं व जीवन सुखमय बनता है. मां कात्यायनी की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं का विवाह होता है. भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने कलिन्दी यानि यमुना के तट पर मां कात्यायनी की ही आराधना की थी. इसलिए मां कात्यायनी ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में जानी जाती है. मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भव्य है. इनकी चार भुजाएं हैं. मां कात्यायनी का दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है. बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में पुष्प शोभित हैं. पंडित अजय ठाकुर के मुताबिक मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना से मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, मोक्ष और काम चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है. वह इस लोक में रह कर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है. मां कात्यायनी का जन्म आसुरी शक्तियों का नाश करने के लिए हुआ था और मां दुर्गा ने इसी रूप में शुंभ और निशुंभ नाम के राक्षसों का संहार कर देवताओं को स्वर्ग पर अधिकार दिलवाया था. मां को दिया गया निमंत्रण: शहर के विभिन्न पूजा स्थलों में सोमवार को मां को आने का निमंत्रण दिया गया. बड़ी दुर्गा पूजा समिति सहित अन्य पूजा स्थलों से मंगलवार को बेलभरनी की शोभा यात्रा निकाली जायेगी.निकली बेलभरणी की शोभायात्रामहासप्तमी को मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की हुई पूजा में डुबा इलाका सूर्यगढ़ा : महासप्तमी के मौके पर सोमवार को प्रखंड मुख्यालय में मां दुर्गा मंदिरों का पट खोल दिया गया. महासप्तमी को मां के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की गयी. पूजा के बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिरों का पट खोल दिया गया. विभिन्न पंचागों के अनुसार सोमवार की सुबह 10.30 बजे से मंगलवार की सुबह 9.48 बजे तक सप्तमी की तिथि रहेगी. विदित हो कि मां के आगमन को लेकर रविवार को निमंत्रण दिया गया था. सोमवार को विभिन्न पूजा स्थलों से गाजे-बाजे के साथ बेलभरनी की शोभा यात्रा निकाली गयी. इसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. सूर्यगढ़ा बाजार का भ्रमण कर शोभा यात्रा अपने गंतव्य तक पहुंची जहां बेल के पेड़ की पूजा की गयी. शिव महावीर दुर्गा पूजा समिति की बेल निमंत्रण पूजा में आचार्य अजय ठाकुर के नेतृत्व में शरीर मन व दिशा शुद्धि कर स्वास्ति वाचन किया गया. इसके बाद गणेश, नवग्रह, शिव, हनुमंत पूजन किया गया. साकेत धाम ठाकुरबाड़ी में बेल वृक्ष की पूजा की गयी. इसके उपरांत आरती हुई व प्रसाद का वितरण हुआ. फिर यह शोभा यात्रा सूर्यगढ़ा बाजार का भ्रमण कर शिव महावीर दुर्गा मंदिर पहुंची. यहां आरती व पुष्पांजलि की गयी. मौके पर पूजा समिति के अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया बालेश्वर सिंह, सोनू कुमार, विजय मंडल, कन्हैया कुमार आदि उपस्थित थे. इधर बड़ी दुर्गा मंदिर से अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल की देखरेख में बेल शोभा यात्रा निकाली गयी. इसमें सैकड़ों महिला पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए. महिलाएं माता के गीत गाती शोभा यात्रा के साथ चल रही थी, तो कुछ उत्साही युवक आतिशबाजी कर रहे थे. शोभा यात्रा सूर्यगढ़ा बाजार का भ्रमण कर वापस मंदिर पहुंची. इसके पूर्व मंदिर परिसर में ही पुरोहितों की देखरेख में बेल के वृक्ष की विधि पूर्वक पूजा की गयी.
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शहर में आज निकलेगी बेलभरनी की शोभा यात्रा
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