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दो नौकरी करने पर नहीं हुई आपत्ति

परबत्ता: प्रखंड के सौढ उत्तरी पंचायत अंतर्गत बुधनगर भरतखंड निवासी व आंगनबाड़ी केंद्र 90 की सेविका प्रेमा कुमारी द्वारा डेढ़ वर्ष तक दो जगहों पर एक साथ नौकरी करने का मामला में नया मोड़ आया है. मामले में आरोपी सेविका के साथ-साथ परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ समेत तमाम स्थानीय प्रतिनिधि पर भी लोगों ने […]

परबत्ता: प्रखंड के सौढ उत्तरी पंचायत अंतर्गत बुधनगर भरतखंड निवासी व आंगनबाड़ी केंद्र 90 की सेविका प्रेमा कुमारी द्वारा डेढ़ वर्ष तक दो जगहों पर एक साथ नौकरी करने का मामला में नया मोड़ आया है. मामले में आरोपी सेविका के साथ-साथ परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ समेत तमाम स्थानीय प्रतिनिधि पर भी लोगों ने मिलीभगत का आरोप लगाया है.
मामले से संबंधित अवधि में परियोजना कार्यालय के अभिलेख के अनुसार व आंगनबाड़ी केंद्र में भी लगभग उपस्थित रही. बाल विकास परियोजना कार्यालय परबत्ता से उक्त केंद्र का निरीक्षण प्रतिवेदन मांगा गया तो उसे उपलब्ध कराने में आनाकानी की गयी. इस बारे में सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी गयी जो राज्य सूचना आयोग में सुनवाई के लिये विगत कई माह से लंबित है.
जानकारी के अनुसार प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण के लिये प्रत्येक 20 केंद्रों पर एक महिला पर्यवेक्षिका की नियुक्ति की गयी, जो जुलाई 2011 से कार्यरत है. सौढ उत्तरी पंचायत के इस आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण की जिम्मेदारी महिला पर्यवेक्षिका अन्नु वर्णवाल को मिला था. पर्यवेक्षिका ने मार्च 2012 के निरीक्षण प्रतिवेदन में लिखा कि केंद्र 90 की स्थिति सामान्य पायी गयी. अप्रैल 12 में भी स्थिति सामान्य पायी गयी. मई 2012 में भी यही प्रतिवेदन दिया गया. जनवरी 12 के प्रतिवेदन में भी सामान्य स्थिति प्रतिवेदन की गयी. जबकि फरवरी 2012 में इस केंद्र के विषय में लिखा गया कि सेविका अनुपस्थित पायी गयी. कार्रवाई के कॉलम में लिखा गया है कि स्पष्टीकरण पूछते हुए चयन रद्द की चेतावनी दी गयी. हालांकि यह कार्रवाई प्रतिवेदन पर ही अंकित मात्र होकर रह गयी तथा संबंधित सेविका 12 जून 12 तक मजे से कार्य करती रही. सवाल उठना लाजिमी है कि सरकार द्वारा केंद्र संचालन के लिये किये गये इन नियुक्तियों से निदेशालय पर केवल आर्थिक बोझ ही बढ़ा है. निगरानी में कोई अंतर नहीं आ सका.
कहती हैंसीडीपीओ
इस मामले में सीडीपीओ कुमार वर्तिका सुमन ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. पूरे मामले में जिसकी भी जिम्मेदारी तय होगी उनके विरुद्ध प्रतिवेदित किया जायेगा. हालांकि परबत्ता तथा गोगरी दो प्रखंडों का प्रभार रहने के कारण अपेक्षित समय नहीं दिया जा सकता है.
कहते हैं ग्रामीण
बुधनगर भरतखंड के ग्रामीणों का कहना है कि बाल विकास परियोजना कार्यालय को कई बार इस बात की जानकारी दी गयी थी कि केंद्र का संचालन अकेले सहायिका द्वारा की जाती है. लेकिन परियोजना द्वारा शिकायतों को अनसुनी कर दी गयी. सेविका के स्थायी रूप से बाहर रहने की जानकारी के बावजूद कार्रवाई नहीं की गयी थी.

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