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टीबी की दवा लेने अस्पताल गये मरीज को दुर्व्यवहार कर भगाया, सिविल सर्जन ने दिया जांच का आदेश

खगड़िया : सरकार टीबी बीमारी को खत्म करने के लिये करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन खगड़िया में विभाग के कर्मी को दवा देने में दर्द हो रहा है. बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय के नीचे जिला यक्ष्मा सेंटर में दवा लेने गये हाजीपुर निवासी टीबी मरीज को दवा के बदले दुत्कार कर भगा […]

खगड़िया : सरकार टीबी बीमारी को खत्म करने के लिये करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन खगड़िया में विभाग के कर्मी को दवा देने में दर्द हो रहा है. बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय के नीचे जिला यक्ष्मा सेंटर में दवा लेने गये हाजीपुर निवासी टीबी मरीज को दवा के बदले दुत्कार कर भगा दिया गया.

इधर, मामले की शिकायत के बाद सिविल सर्जन डॉ. दिनेश कुमार निर्मल गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं. वहीं शहर के हाजीपुर निवासी टीबी मरीज ने यक्ष्मा पर्यवेक्षक शेखर कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि बुधवार को दवा के लिये जाने पर टीबी विभाग के इस कर्मी ने कहा कि जीरा मरीज का दुकान है कि मुंह बाये दवा लेने चले आते हो.
जाओ ज्यादा जल्दी है तो बाजार से दवा खरीद कर खा लो. मरीज दवा देने के लिये मिन्नत करता रहा लेकिन कर्मी ने एक नहीं सुनी. टीबी मरीज ने कहा कि दवा के बदले दुर्व्यवहार मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो डीएम से मिलकर पूरे मामले की शिकायत करेंगे. इधर, आरोप के घेरे में आये टीबी विभाग के कर्मी शेखर ने सारे आरोप को झूठा व मनगढ़ंत बता रहे हैं.
टीबी मरीज से दवा ढुलवाते हैं यक्ष्मा पर्यवेक्षक
दवा के दुत्कार से परेशान मरीज ने बताया कि दवा मांगने पर यक्ष्मा पर्यवेक्षक सिविल सर्जन कार्यालय से दवा ढोकर अपने आस्था लैब नामक निजी पैथोलॉजी में पहुंचाने कहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सिविल सर्जन कार्यालय स्थित टीबी सेंटर से दवा ढोकर आस्था लैब में मरीज क्यों पहुंचाने जायेगा? दवा देने के नाम पर मरीज को परेशान करने वाले यक्ष्मा पर्यवेक्षक भले ही आरोपों को नकार रहे हो लेकिन सीएस की सख्ती और मरीज अपने आरोप पर अडिग रहते हैं तो उन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
यदि जिला यक्ष्मा केंद्र में दवा लेने गये मरीज को दुर्व्यवहार कर भगा दिया गया है तो यह गंभीर मामला है. पूरे मामले की जांच कर ऐसा करने वाले विभाग के कर्मी पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. टीबी की सारी दवा सरकारी सेंटरों पर उपलब्ध है.
डॉ दिनेश कुमार निर्मल, सीएस.
मेरा टीबी का इलाज पहले से जारी है. इसकी दवा लेने के लिये बुधवार को सीएस कार्यालय के नीचे स्थित टीबी सेंटर पर जाने पर वहां मौजूद यक्ष्मा पर्यवेक्षक शेखर कुमार ने दुत्कारते हुए कहा कि बाद में आना. जब उनसे दवा खत्म होने का हवाला देते हुए विनती की तो दुर्व्यवहार कर बिना दवा दिये भगा दिया गया. दवा मांगने पर टीबी विभाग के कर्मी जयप्रकाश नगर में संचालित अपने आस्था लैब में बुला कर मनमानी करते हैं.
टीबी मरीज.
टीबी मरीज द्वारा दवा नहीं देने व दुर्व्यवहार करने सहित सारे आरोप बेबुनियाद व मनगढंत हैं. टीबी की दवा वितरण के लिये आस्था लैब में सेंटर बनाया गया है. जहां मरीजों को अपनी देखरेख में दवा खिलायी जाती है. टीबी मरीज से सीएस कार्यालय स्थित सेंटर से दवा ढोकर मंगवाने के आरोप झूठे हैं.
शेखर कुमार, यक्ष्मा पर्यवेक्षक.

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