खगड़िया : बिजली विभाग के बड़े बड़े कारनामे इन दिनों देखने को मिल रहे हैं. पहले उपभोक्ता बिजली कनेक्शन लगाने के लिए चक्कर लगाते थे और अब बिल लेकर कार्यालयों में फरियाद करते नजर आ रहे हैं. गलत बिजली विपत्र से उपभोक्ता त्रस्त हैं और वे गुहार लगाने अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं. बीते कुछ समय गलत बिजली बिल जारी होने में इजाफा हुआ है. पहले ऐसे परेशान उपभोक्ताओं की संख्या इक्का दुक्का हुआ करती थी. अब यह तादाद दर्जनों में पहुंच चुकी है.
लोक शिकायत अधिनियम के तहत अब तक तीनों पीजीआरओ कार्यालय में सैकड़ों शिकायत दर्ज हो चुकी है. कई शिकायतकर्ता की शिकायत सही साबित होने के बाद उन्हें राहत भी मिली है. 14 नवंबर को सदर अनुमंडल कार्यालय में हुई सुनवाई में बिजली विभाग की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी. एक नई नहीं बल्कि कई मामलों में यह प्रमाणित हो गया कि उपभोक्ताओं को अधिक बिल भेजे गए थे. ऐसे में उपभोक्ताओं को कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर होने पड़ रहे हैं.
सदर प्रखंड के रानीसकरपुरा गांव की रामा देवी को बल्ब जलाने के एवज में एक लाख रुपये से अधिक का बिल भेजा गया था. इसके बाद उन्होंने पहले विभाग के कार्यालय के चक्कर काटे फिर इस अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई. यहां न सिर्फ इनकी शिकायत दर्ज की गयी बल्कि इन्हें बड़ी राहत भी मिली. पीजीआरओ संजीव चौधरी द्वारा नोटिस जारी आदेश के बाद उक्त महिला उपभोक्ता को मिली बिजली बिल की जांच की गयी तो यह पाया गया कि वास्तव में इन पर बकाया मात्र 2136 रुपये था. जबकि इन्हें करीब एक लाख 16 हजार रुपये का गलत बिल थमा दिया गया था. सख्ती के बाद इनके बिल में करीब एक लाख 13 हजार 716 रुपये का सुधार किया गया. वहीं, दूसरे मामले में भी नवटोलिया निवासी महेन्द्र सहनी को प्राप्त बिल भी गलत साबित हुए. सुनवाई के दौरान ही पीजीआरओ चौधरी को विभागीय अभियंता ने गलत बिल को सुधार देने की बातें कहीं एवं रिपोर्ट भी सौंपी हैं. इन्हें 49 हजार 811 रुपये 28 पैसे का अधिक बिजली बिल भेजा गया था. इनपर वास्तविक बकाया महज 12,333 रुपये ही था. लोक शिकायत के तहत शिकायत दर्ज कराने एवं बिजली विभाग पर सख्ती के बाद माड़र निवासी उपेन्द्र नारायण सिंह के 39,035 रुपये, रानी सकरपुरा के लालो देवी के 2,317 रुपये. इसी गांव के शिवो देवी के 3,230 रुपये एवं माड़र के महेन्द्र प्रसाद सिंह के करीब 17 हजार अधिक बिजली बिल को कम कर दिया है. इधर, पीजीआरओ श्री चौधरी ने बताया कि विभाग के सहायक अभियंता ने लिखित प्रतिवेदन देकर गलत बिजली बिल में सुधार किये जाने की रिपोर्ट दी है. अब ये सभी उपभोक्ताओं के बिल में सुधार किये गए. बिल के अनुसार भुगतान करेंगे.