– ड्राइवसन बनाये बगैर पुलिया को कार्य एजेंसी ने तोड़ कर हटाया, – दूसरे के खेत से आना जाना कर रही 15000 की आबादी अमदाबाद नगर पंचायत अमदाबाद के कर्बला मोड़ से भवानीपुर खट्टी पंचायत में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चल रहे सड़क निर्माण कार्य दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हुआ है. जिस वजह से पार दियारा पंचायत व नगर पंचायत अमदाबाद व भवानीपुर खट्टी पंचायत के करीब 15000 से अधिक की आबादी आवागमन की समस्या से जूझ रहे हैं. कर्बला मोड़ से भवानीपुर खट्टी पंचायत तक 6.750 किलोमीटर लंबी सड़क में 7.82 करोड रुपये की लागत राशि से सड़क का निर्माण कार्य किया जाना है. जिसका शिलान्यास पूर्व सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने 27 दिसंबर 2023 को किया था. इसके बावजूद भी अब तक सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. इस सड़क में कई स्थानों पर हाई लेवल एवं बॉक्स पुल का भी निर्माण किया जाना है. घेरा गांव के पास मुख्य सड़क पर करीब 400 मीटर सड़क में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है. जिस वजह से यहां के लोग खेत खलिहान होकर आवागमन करने को विवश हैं. बाढ़ के समय में लोग नाव से आवागमन तो कर लेते थे. लेकिन वर्तमान समय में पार दियारा पंचायत के लोगों को प्रखंड मुख्यालय तक आने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है. उन्हें दूसरों की खेतों से होकर आना-जाना करना पड़ता है. दिन में तो लोग किसी तरह आवागमन कर लेते हैं. शाम होते ही अंधेरा ढलने के बाद उन्हें आवागमन के लिए घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ का पानी हटने के बाद जमीन अच्छी तरह से सुख भी नहीं पाया है. कई स्थानों पर दलदल हो गया है. पार दियारा पंचायत के मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए दर्जनों रैयतों के जमीन से लोगों को गुजरना पड़ता है. साथ ही रैयतों की गुस्से का शिकार भी लोगों को होना पड़ता है. रैयत गुस्सा भी क्यों ना करें अमदाबाद प्रखंड में इस वर्ष बाढ़ का पानी काफी अधिक समय तक जमा रहा. अब जाकर लोगों के खेत से पानी हटा है. लोग अपना खेत का जोताई एवं बुआई कर रहे हैं. उस होकर लोगों की आवागमन करने पर किसानों को भारी छती सहन करना पड़ रहा है. सड़क निर्माण के दौरान कलभर्ट पुल को संवेदक या कार्य करा रहे एजेंसी ने ध्वस्त कर दिया है. उसके बाद इस स्थान पर बाढ़ के बाद जल जमाव की स्थिति व नहर जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. पार दियारा पंचायत के लिए यह इकलौता सड़क है, जो पार दियारा पंचायत सहित अन्य पंचायत के लोग इसी होकर आवागमन करते हैं. करीब 15000 से अधिक की आबादी इस होकर आवागमन करते हैं. यही नहीं पार दियारा पंचायत के युसूफ टोला, कीर्ति टोला, सूबेदार टोला, झब्बू टोला, घेरा गांव, भादू टोला सहित अन्य गांवों के लोगों के समक्ष मरीजों को लेकर अधिक समस्याएं होती है. यदि किसी के घर में कोई बीमार हो जाता है, तो उन्हें अस्पताल तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. रात में यह पता नहीं चलता है कि किस होकर प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचा जाए. यहां के लोगों की माने तो आजादी के बाद कभी सड़क बन ही नहीं है. लोगों के लिए बाढ़ ही सही था. कम से कम नाव से अपने गांव तक पहुंच जाते थे. सड़क के निर्माण कार्य में ढूल-मूल रवैया के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी झेलना पड़ रहा है. इस दिशा में विभाग उदासीन बनी हुई है. कहते हैं पूर्व मुखिया पूर्व मुखिया मुंसाफिर आलम ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय की दूरी महज डेढ़ से दो किलोमीटर है. प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए करीब 8 से 10 किलोमीटर तक घूम कर जाना पड़ता है या फिर स्थानीय लोगों के खेत से होकर आना-जाना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या रोगी को लेकर होती है. जब कोई बीमार हो जाता है उन्हें लेकर अस्पताल तक पहुंचने में काफी मशक्कत करना पड़ता है. पूर्व मुखिया ने बताया कि करीब 15000 से अधिक आबादी इस सड़क के वजह से प्रभावित है. सड़क का निर्माण कार्य नहीं होने के कारण यहां के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि एजाबुल हक ने बताया कि यहां के लोगों के लिए सड़क नहीं है. आजादी के बाद कभी भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ. पिछले दो वर्ष से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़क का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन अब तक सड़क का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि घेरा गांव के पास दो पुल का निर्माण होना था. जिसमें से एक भी पुल का निर्माण नहीं हुआ है. लोग खेत से होकर आवागमन करने को विवश हैं. लोगों को अपना दैनिक कार्य के लिए प्रखंड मुख्यालय तक आने-जाने में काफी परेशानी होती है. प्रखंड मुख्यालय तक पहुंच जाना दिल्ली जाने का बराबर है. उन्होंने शीघ्र ही सड़क का निर्माण एवं पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कराने की मांग की है. ताकि यहां के लोगों को आवागमन सुलभ हो सके.
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