शहर से प्रतिदिन 125 टन कचरा का होता है उठाव
फाइलों तक सीमित है डंपिंग स्थल के लिए जमीन क्रय की बात
कटिहार. नगर निगम का दर्जा मिले करीब 14 वर्ष बीत गये. निगम की ओर से जो शहरवासियों को सुविधा मिलनी चाहिए, नहीं मिलने से लोग परेशान हैं. शहर से जलनिकासी को लेकर बन रहा 220 करोड़ का ड्रेनेज कार्य पूरा नहीं हो पाया है. जिससे मानसून में होने वाले जलजमाव की समस्या को याद कर अभी से ही खौफ में समय व्यतीत कर रहे हैं. शहर से निकलने वाले प्रतिदिन सवा सौ टन कचरा निस्तारण की बात भी हवा हवाई साबित हो रही है. कचरा फेंकने के लिए अब तक जगह को चिन्हित तक नहीं की जा सकी है. जिससे लोग जहां तहां कचरा फेंकने को विवश हो रहे हैं. नगर निगम प्रशासन की ओर से कचरा निस्तारण को लेकर दो साल पूर्व जमीन खरीद की गयी बात फाइलों तक सीमित है. हालांकि नगर निगम प्रशासन का दावा है कि शहर से निकलने वाले कचरा का उठाव प्रतिदिन शत प्रतिशत हो रहा है. शत प्रतिशत कचरा का उठाव के बाद आज भी उदामा रेखा स्थित बस स्टैंड के समीप डम्पिंग स्थल पर फेंका जा रहा है. जिससे उक्त गांव के आसपास के लोग परेशान हैं. गांव वासियों द्वारा समय- समय पर इसका विरोध किया गया. कचरा निस्तारण को दूसरे जगह जमीन तलाश कर क्रय कर लिए जाने के आश्वासन तो दिया जाता है. लेकिन आज तक जमीन की तलाश निगम प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. मोहल्ले के लोगों में त्रिभुवन कुशवाहा, संजय कुमार, आलोक कुमार समेत अन्य का कहना है कि नगर परिषद करीब 1971-72 में बना. तब से उदामा रेखा 14 एकड़ जमीन क्रय कर कचरा डंप करने का कार्य निगम प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. 2015-2016 में बस स्टैंड बनाया गया. छह एकड़ में बस स्टैंड, रैन बसेरा, कचरा निस्तारण का प्वाइंट बनाया गया है. शेष जमीन पर आज भी कचरा को डंप किया जाता है. इससे निकलने वाली दुर्गंध लोगों के लिए जी का जंजाल बना है.
विरोध के बाद मनिया व शरीफगंज के पास जमीन की हो रही थी तलाश
निगम के कर्मचारियों व पदाधिकारियों का कहना है कि उदामा रेखा स्थित कचरा डंपिंग स्थल से उठने वाले दुर्गंध के बाद गांव वालों का विरोध शुरू हो गया था. लगातार विरोध के बाद निगम की ओर से करीब साल छह माह पूर्व दो जगहों पर जमीन चिन्हित किया गया था. जहां कचरा डंपिंग स्थल बनाने की योजना थी, लेकिन वह भी बात आयी-गयी साबित हो रही है. उदामा रेखा स्थित डम्पिंग स्थल पर कचरा निस्तारण मशीन लगायी गयी है, जिससे खाद बनाया जाता है. दूसरे जगह कचरा निस्तारण को जमीन की तलाश की जा रही है. इससे सम्बंधित जानकारी प्रधान सहायक से लेकर कुछ कहा जा सकता है. शहर से प्रतिदिन 125 टन कचरा का उठाव होता है, जिसमें 80 प्रतिशत सूखा कचरा एवं बीस प्रतिशत गीला कचरा शामिल है. खाली जमीन और बाउंड्री के अंदर में जमा कचरा का भी उठाव निगम के द्वारा किया जा रहा है.संतोष कुमार, नगर आयुक्त, नगर निगमB
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