23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Success Story: चाय के बाद अब बिहार में शुरू हुई कॉफी की खेती, कटिहार में लहलहा रही फसल

Success Story: प्रशांत चौधरी बागवानी के क्षेत्र में एक खास मुकाम हासिल करने के बाद अब अपने बागवानी में कॉफी को भी शामिल कर एक नये आयाम गढ़ने के साथ-साथ अन्य किसानों को भी कॉफी की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

Success Story: कटिहार. किशनगंज की चाय के साथ अब बिहार में कॉफी की खेती भी शुरू हो गयी है. वर्तमान में कॉफी की खेती कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण के राज्यों में ही हो रही है. बिहार इसका पारंपरिक उत्पादक क्षेत्र नहीं रहा है, लेकिन अब कटिार जिले के कोढ़ा में भी कॉफी की खेती होने लगी है. कोढ़ा के बागवानी में लगे कॉफी के पेड़ में फसल भी काफी बेहतर आया है. जिस कारण किसानों में उम्मीद जगी है कि यहां भी कॉफी की बेहतर खेती किया जा सकता है. खेरिया ग्राम के वाटिका में कॉफी का फसल लहलहा रहा है. प्रशांत चौधरी बागवानी के क्षेत्र में एक खास मुकाम हासिल करने के बाद अब अपने बागवानी में कॉफी को भी शामिल कर एक नये आयाम गढ़ने के साथ-साथ अन्य किसानों को भी कॉफी की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

किसानों को कॉफी खेती के लिए कर रहे हैं प्रेरित

प्रशांत चौधरी पिछले कई वर्षों से बागवानी करते हुए हर बार एक नयी चीज लेकर एक नया प्रयोग करते हैं. अपने अथक परिश्रम व नई तकनीक के सहारे अच्छे परिणाम भी पाते हैं. अभी तक हर नया प्रयोग कर वे अपने मनचाही मंजिल तक पहुंच जाते हैं. अन्य फसलों की बागवानी के साथ-साथ इस बार वे कॉफी के पौधा लगाये और उनके मेहनत का ही नतीजा है कि कॉफी के पेड़ में फलन इतना बेहतर हुआ है कि एक खूबसूरत नजारा लिए हुए फलों से लदा हुआ है. फलों से लदे होने के कारण कॉफी का फल देखने में काफी सुंदर लगता है. वे प्रखंड क्षेत्र के अन्य किसानों को भी कॉफी की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

कॉफी फसल को देखने के लिए पहुंच रहे किसान

उनके बागवानी में लगे कॉफी फसल को देखने के लिए कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के साथ-साथ बरारी, समेली व कुरसेला प्रखंड के प्रगतिशील किसान वाटिका में लगे कॉफी फसल की खेती को देखने व समझने पहुंच रहे हैं. कॉफ़ी की खेती किस प्रकार किया जाए और इसका बाजार कैसा रहेगा. मुनाफा होने की कितनी संभावना है आदि बातों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.

कहते हैं किसान प्रशांत चौधरी

किसान प्रशांत चौधरी ने बताया कि विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त कर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद मेरे अंदर कॉफी खेती की भी रुचि जगी. फिलहाल अपने वाटिका में ट्रायल के लिए दर्जनों पौधे लगाकर खेती की शुरुआत की. समय समय पर पौधों में जब जो चीज की जरूरत महसूस हुई वे पूरी लगन के साथ किया और पौधे पेड़ बनाकर फल देने लगा. कॉफी के फलों का फलन उम्मीद से ज्यादा बेहतर है. कॉफी का बाजार भी मुनासिब है. इसलिए बेहतर मुनाफा होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. साथ ही अन्य किसानों को भी काफी की खेती करने के लिए प्रेरित करते हुए इस बार कॉफ़ी की खेती का रकबा बढ़ाकर विस्तार करने की योजना बनाये हुए हैं.

Also Read: Bihar Land Survey: नाकाफी रही ट्रेनिंग, सरकार सर्वे कर्मियों को अब देगी कैथी लिपि की किताब

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel