– शहर के राजेंद्र स्टेडियम में हजारों की तादाद में जुटे आदिवासी समाज के लोगों ने धूमधाम से मनाया पर्व प्रतिनिधि, कटिहार. शहर के राजेंद्र स्टेडियम में मंगलवार को जिला सरहुल बाहा पूजा समिति की ओर से सरहुल पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. मौके पर हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग अपने परंपरागत वेशभूषा के साथ पूरे जिले से राजेंद्र स्टेडियम पहुंचे. जहां आदिवासी समाज ने अपने पर्व को मनाते हुए अपने पारंपरिक गीत व ढोल नगाड़ों के धुन पर नृत्य प्रस्तुत किया. पूरे राजेंद्र स्टेडियम में मौजूद लोग आदिवासी समाज के परंपरागत गीत पर झूमते रहे. पर्व को देखने के लिए आदिवासी समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी बड़ी संख्या में राजेंद्र स्टेडियम पहुंचे थे. जहां सरहुल पर्व का भरपूर आनंद उठाया. सर्वप्रथम राजेंद्र स्टेडियम से एक रैली निकाली गयी. जो शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए समाहरणालय पहुंची और पुनः राजेंद्र स्टेडियम पहुंची. इसके बाद आदिवासी समाज के लोगों ने अपने इष्ट देव की आराधना करते हुए बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ पूजा-अर्चना की. गौरतलब है कि सरहुल पर्व आदिवासियों का एक महान प्राकृतिक त्योहार है. इसे उरांव भाषा में खाधी मुंडा व संथाल में बाहा व हिंदी में सरहुल के नाम से जाना जाता है. इतना ही नहीं कई स्थान व भाषा विशेष पर इसे कई नामों से भी पूजे जाते हैं. सरहुल पूजा हर साल चैत्र महीना के शुक्ल पक्ष तृतीया को हर जगह आदिवासी बाहुल क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मौके पर समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि सरहुल पर्व के माध्यम से युवाओं को खासकर अपने सांस्कृतिक कल्चर की परिभाषा याद रहे, इसलिए सरहुल पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ हर साल मनाया जाता है. युवा अपनी संस्कृति को अपने दिल में जिंदा रखें और प्रकृति के दिये हुए जीवन में अमूल्य उपहार को समझे. मनुष्य का जन्म इसी प्रकृति की गोद में हुआ है. यही प्रकृति ने हर आपदा विपदा में आदिवासियों की रक्षा की है. इसलिए हम सभी प्राकृतिक को अपना भगवान मानते हैं. यह त्योहार आदिवासी समाज के लिए मौज मस्ती उमंग का नहीं है. बल्कि प्रकृति पूजा का त्योहार है. इस त्योहार को मनाने के लिए आदिवासी समाज काफी उत्साहित रहता है. वही सरहुल पर्व को लेकर बरारी विधायक विजय सिंह, श्रम अधीक्षक, जदयू जिला अध्यक्ष सूरज राय भी राजेंद्र स्टेडियम पहुंचकर लोगों को सरहुल पर्व की बधाई दिये. कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष बबलू सोरेन, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार उरांव, सचिव नागेंद्र कुमार मुंडा, कोषाध्यक्ष सुनील उरांव, बबलू मरांडी, रूपेश उड़ाव, नरेश उरांव, सुग्रीव उरांव, राकेश उरांव आदि ने अपनी अहम भूमिका निभायी.
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