Lalu Family Controversy: बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी और दूसरे नंबर की संतान रोहिणी आचार्य ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर तीखा और भावुक संदेश साझा किया है. उन्होंने लड़कियों के मायके में हक, पितृसत्तात्मक सोच और बेटियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि हर लड़की को यह भरोसा होना चाहिए कि उसका मायका एक सुरक्षित स्थान है, जहां वह बिना किसी डर या अपराधबोध के लौट सके.
रोहिणी का पितृसत्ता पर हमला
रोहिणी ने X पर लिखा- बिहार में गहरी जड़ें जमा चुकी पितृसत्तात्मक मानसिकता सामाजिक और राजनीतिक, दोनों क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन की जरूरत पैदा करती है. हर बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है कि उसका मायका ऐसा स्थान हो, जहां वह बिना किसी डर, शर्म या स्पष्टीकरण दिए लौट सके. उन्होंने इसे प्रशासनिक दायित्व से आगे बढ़कर महिलाओं को शोषण और उत्पीड़न से बचाने का बड़ा कदम बताया.

चुनाव हारने के बाद शुरू हुआ विवाद, आधी रात छोड़ा मायका
राजद की करारी चुनावी हार के बाद परिवार के भीतर तनाव बढ़ा था. इसी दौरान रोहिणी और तेजस्वी के बीच विवाद की खबरें सामने आईं. विवाद इतना बढ़ा कि रोहिणी ने रातों-रात अपना मायका (राबड़ी आवास) छोड़ दिया. इसके बाद 15 नवंबर को उन्होंने सोशल मीडिया पर चौंकाने वाला बयान दिया- मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं… संजय यादव और रमीज ने मुझ पर दबाव बनाया था.

इस पोस्ट के बाद राबड़ी आवास में हड़कंप मच गया. अंदर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें तक सुनाई दीं, जिससे परिवारिक कलह खुलकर सामने आ गया.
तेजस्वी के करीबी संजय यादव और रमीज पर गंभीर आरोप
रोहिणी ने अपने बयान में तेजस्वी के सबसे भरोसेमंद सहयोगी संजय यादव और RJD के सोशल मीडिया प्रभारी रमीज पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा- सवाल पूछोगे तो गाली दी जाएगी, चप्पल से मारा जाएगा. उनका आरोप था कि पार्टी के अधिकांश फैसले यही दोनों लोग लेते हैं.
क्या करते हैं रमीज और संजय?
संजय यादव राज्यसभा सांसद और तेजस्वी के रणनीतिक सलाहकार हैं, जबकि रमीज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाले और कई गंभीर मामलों का सामना कर रहे पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं. रमीज RJD की चुनावी रणनीति और सोशल मीडिया मैनेजमेंट संभालते हैं. उनकी पत्नी भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं.
पोस्ट के राजनीतिक मायने
रोहिणी का यह नया पोस्ट न सिर्फ महिलाओं के मायके के अधिकार पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि RJD परिवार के भीतर मतभेद गहराते जा रहे हैं. पितृसत्ता पर उनकी टिप्पणी वर्तमान राजनीतिक माहौल और हालिया घटनाओं से जुड़ी मानी जा रही है.

