कोढ़ा रमजान का पाक महीना अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है, और इसी क्रम में शुक्रवार को कोढ़ा प्रखंड के विभिन्न इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े ही अदब और एहतराम के साथ तीसरे जुम्मे की नमाज अदा की. मस्जिदों में बड़ी संख्या में रोजेदार पहुंचे और अल्लाह से रहमत, बरकत और मगफिरत की दुआ मांगी. गेड़ाबाड़ी स्थित जामा मस्जिद में सुबह से ही रोजेदारों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. जुम्मे की नमाज से पहले इमाम साहब ने रमजान की फज़ीलत और जकात-फित्रा की अहमियत पर बयान दिया. रमजान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि यह अपने अंदर सुधार लाने और जरूरतमंदों की मदद करने का महीना है.गेड़ाबाड़ी बाजार स्थित जामा मस्जिद के अलावा मूसापुर, दिघरी, रोतारा, पवई, कोलासी, उत्तरी सिमरिया, दक्षिणी सिमरिया और खेरिया समेत प्रखंड के कई अन्य इलाकों की मस्जिदों में भी जुम्मे की नमाज अदा की गयी. हर जगह लोगों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर अल्लाह की इबादत की. रमजान के आखिरी चरण में बढ़ी इबादतों की रौनक रमजान का आखिरी अशरा 21वें रोजे से शुरू हो जायेगा और इसके साथ ही इबादतों का सिलसिला और तेज हो गया है. रोजेदार पूरी रात इबादत कर रहे हैं और तिलावत-ए-कुरआन, नफ्ल नमाज और तस्बीह में वक्त गुजार रहे हैं. इस दौरान कई मस्जिदों में एतकाफ भी शुरू हो गया है, रोजेदार दस दिनों तक मस्जिद में रहकर इबादत करते हैं. नमाज के बाद रोजेदारों ने मुल्क में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी साथ ही, मस्जिदों में इमामों द्वारा जकात और सदका देने की अहमियत पर जोर दिया गया, ताकि गरीबों और जरूरतमंदों तक मदद पहुंच सके. रमजान के इस मुकद्दस महीने का आखिरी जुम्मा अगले हफ्ते होगा, जिसे जुमातुल विदा कहा जाता है. इस दिन मस्जिदों में और भी ज्यादा भीड़ रहने की संभावना है.
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