– निजी बस का मनमानी चरम पर, बस में भेड़ बकरी की तरह यात्रियों को ठूंस कर हो रहा परिचालन कटिहार जिले से विभिन्न क्षेत्रों में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से बस नहीं चल चलायी जा रही है. इससे स्थानीय यात्रियों को न केवल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बल्कि ऐसे यात्रियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से इन दोनों कटिहार से बस नहीं चलायी जा रही है. स्थानीय जिला परिवहन पदाधिकारी का दावा है कि एक या दो बस पथ परिवहन निगम की ओर से चलायी जा रही है. भागलपुर, पटना, पूर्णिया व अररिया जाने वाली बसों में क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं. इन क्षेत्रों की ओर जाने वाली बसों में यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंसकर ले जाया जाता है. जिन बसों में 40- यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है. उसमें 60 से 80 यात्रियों को ले जाया जाता है. उसी तरह जिस बस बैठने के लिए 60 सीट है. ऐसे बस में 80 से 100-110 यात्रियों को ले जाया जाता है. सीट नहीं मिलने पर कम भाड़ा लगने का प्रलोभन देकर विशेषकर मजदूर तबके के गरीब यात्रियों को चढ़ा लिया जाता है. वहीं सीजन के दौरान बस संचालक यात्रियों से मनमाना किराया भी वसूलते हैं. कटिहार से भागलपुर की यात्रा कर रहे एक यात्री ने बताया कि उन्हें भागलपुर जाना है. कटिहार से बस ठीक ही खुली पर रास्ते में इतने अधिक यात्री को बस में चढ़ा लिया गया कि खड़े रहना भी मुश्किल हो गया. यही हाल भागलपुर से कटिहार आने वाली बस का भी रहा. शाम 5.20 बजे भागलपुर से खुली बस को कटिहार पहुंचने में तीन घंटे का वक्त लग गया. इतनी भीड़ रही कि यात्रियों को खड़ा होकर यात्रा करनी पड़ी. भीड़ की वजह से यात्रियों को सांस लेना मुश्किल हो रहा था. सुबह सुबह कई बस शहीद चौक, जीआरपी चौक से खुलती है. जीआरपी चौक पर बस पर एक यात्री ने बताया कि वह ट्रेन से दिल्ली से यहां पहुंचे तथा अभी बस से अररिया जा रहे है. उन्होंने बस की ओर इशारा करते हुए कहा कि बस को देख लीजिये. बस में जगह नहीं है. फिर भी ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों की ठूंस ठूंस कर बस में भर रहे है. कोई देखने वाला नहीं है. सबकुछ ऊपर वाले के भरोसे चल चल रहा है. नहीं होती बस का फिटनेस टेस्ट इधर बस चालकों का दावा है कि वे यात्रियों को सभी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं. हालांकि इनके दावे हकीकत से ठीक उलट नजर आते हैं. कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जाती. इतना ही नहीं सुरक्षा मानकों का भी मुकम्मल ख्याल नहीं रखा जाता. कई बसों में तो एक ही चालक होते हैं. आये दिन हो रहे भीषण हादसे की सबसे बड़ी वजह इसे ही माना जाता है. कटिहार से खुलने वाली कई बसें तो खटारा हो चुकी है. पर ऐसी बसों को प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से चलायी जा रही है. जानकारों की माने तो परिवहन विभाग की ओर से ऐसे वाहनों का फिटनेस टेस्ट भी नहीं किया जाता है. कहते है जिला परिवहन पदाधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी बालमुकुंद प्रसाद ने इस संदर्भ में बताया कि बस में क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाने की शिकायत जरूर मिलती है. पर जब जांच किया जाता है तो बस में क्षमता के अधिक यात्री नहीं मिलते है. कई बस तो खाली ही अपने गंतव्य स्थान की ओर चले जाते है. समय-समय पर वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराया जाता है. साथ ही जिला परिवहन कार्यालय के अधिकारियों की ओर से भी निरंतर जांच प्रक्रिया चलती है. कई बस मालिकों को जुर्माना भी किया गया है. राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से एक या दो बस चलायी जा रही है. अगर किसी को लगता है की क्षमता से अधिक यात्री बस में ले जाया जा रहा है तो उन्हें तुरंत सूचना दें. वह मौके पर पहुंचकर इसकी जांच करेंगे तथा अगर क्षमता से अधिक यात्री को ले जाने के बाद सही होगी तो वह बस मालिक पर कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
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