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बाढ़ सुखाड़ अनुश्रवण की बैठक में जीआर सूची सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

बाढ़ सुखाड़ अनुश्रवण की बैठक में जीआर सूची सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

– नाव परिचालन पर अड़े जनप्रतिनिधि बरारी प्रखंड सभागार में आयोजित प्रखंड स्तरीय बाढ़ सह सुखाड़ राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की बैठक प्रखंड प्रमुख नसतारा खातुन की अनुपस्थिति में प्रखंड उप प्रमुख रैनी कौर की अध्यक्षता में हुई. बैठक का संचालन सीओ मनीष कुमार ने करते हुए बाढ़ सुखाड़ को लेकर सदस्यों व विभागीय अधिकारी को बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर मार्ग दर्शन करने को कहा. पंचायत समिति सदस्य मिथिलेश कुमार यादव ने सदन में बताया कि गुरुमेला पंचायत के कुल 10 वार्ड में 8 वार्ड तक गंगा के बाढ़ में डूबता है. वार्ड 4 एवं 5 में सीपेज का पानी से अधिक समय तक डूबा रहता है. लेकिन किसी प्रकार की सहायता या कम्युनिटी कीचन आदि की मदद नहीं मिलती है. जो गरीबों के लिए त्राहिमाम होता है. जिप सदस्य गुणसागर पासवान ने अति आवश्यक को जीआर की सूचि में शामिल करने की सदन के माध्यम से सरकार से अपील की. साथ हीं पशुचारा कब और कहां जाता है. इसका पता नहीं चलता जो गलत है. सांसद प्रतिनिधि अल्तमस दीवान ने सदन ने बताया कि बाढ़ के समय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के बीच आपसी समन्यवय का अभाव के कारण बाढ़ के समय बाढ़ पीड़ितों को परेशानी होती है. जीआर के नाम पर राशि की उगाही दुखद मामला है. इसपर सोचने की जरूरत है. विधायक प्रतिनिधि राजीव चौधरी ने कहा कि बाढ़ आपदा के समय सतत निगरानी के साथ पीड़ितों को कैसे राहत पहुंचे व्यवस्था बनाना जरूरी है. बरेटा पंचायत के टप्पू गांव के बाढ़ पीड़ित पर ध्यान देने की जरूरत है. बकिया सुखाय में सबसे पहले राहत पहुंचे. जिप सदस्य प्रतिनिधि शारीब खान ने मोहनाचांदपुर में बाढ़ राहत की स्थिति मजबूत करने की जरूरत है. कई जनप्रतिनिधि ने सीओ द्वारा पूर्व के बाढ़ में किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए और बेहतर करने की अपील की. इसपर सदन ने मेज थपथपा कर स्वागत किया. मुखिया इब्राहिम, कौशल किशोर, नवल किशोर ने सदन में बताया कि बाढ़ के समय जनप्रतिनिधि को मदद के लिए बुलाया जाता है. लेकिन जब जनप्रतिनिधि जनहित के कार्यो में सहयोग को लगे बढ़ती है तो सोचने की स्थिति क्यों बनती है. बाढ़ में पीड़ितों को हीं सहायता मिले यह व्यवस्था जरूरी है. मुखिया तो हमेशा सहयोग को तैयार रहते है. सीओ मनीष कुमार ने सदन को बताया कि प्रखंड अन्तर्गत बाढ़ सुखाड निगरानी समिति की बैठक संख्या की कमी लोग फसल तैयारी में लगे है. बाढ़ के समय जो आपदा संबंधी व्यवस्था होगी उसे पूरी तरह किया जायेगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ ग्रस्त गंगा बरंडी से पूर्ण प्रभावित 14 पंचायत के गांव जो गंगा नदी के मुहाने पर है. आंशिक रूप से भी कई गांव एवं टोला है जो सूचिबद्ध है. जीआर की सूची पूर्व की बनी हुई है. बाढ के समय पेयजल, शौचालय, पॉलिथीन सीट, कम्यूनिटि कीचन, पीड़ितो के आवागमन के लिए सरकारी नाव, स्वास्थ्य विभाग की टीम, प्रसव महिला के लिए एम्बुलेंस, सर्प दंश आदि की समुचित व्यवस्था पर पूरी तरह तैयारी होगी. लेकिन जनप्रतिनिधि, ग्रामीण का सहयोग भी जरूरी है. जो पिछले बाढ़ में मिला भी है. बाढ़ आपदा की बैठक में बीडीओ देवाशीष मिश्रा, बीपीआरओ सह बीइओ माधवेन्द्र कुमार, पीओ सत्येन्द्र नारायण, सीडीपीओ मीना कुमारी, जदयू अध्यक्ष मनोज कुशवाहा, कांग्रेस अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह, राजद नेता संजू सिंह, एमओ आदर्श अमन , साख्यिकी पदा, कनीय विद्युत अभियंता, बाढ़ नियंत्रण कनीय अभियंता, मुखिया उमाकांत सिंह, अब्दुल मतीन, समिति सदस्य शंकर यादव, स्वास्थ्य प्रबंधक मोठ इकलाख सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

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