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कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना को मंत्रिपरिषद से मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वाकांक्षी परियोजना कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना को मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिल गयी है.

कटिहार सहित सीमांचल क्षेत्र में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में मिलेगी नयी सिंचाई की सुविधा

सुनिश्चित परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य

कटिहार. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वाकांक्षी परियोजना कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना को मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिल गयी है. जानकारी दी गयी है कि कोसी-मेची लिंक परियोजना के कार्यान्वयन से 2 लाख 14 हजार 813 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. इनमें अररिया जिले के 69,642 हेक्टेयर, पूर्णिया जिले के 69,970 हेक्टेयर, किशनगंज जिले के 39,548 हेक्टेयर और कटिहार जिले के 35,653 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल हैं. इस महत्वाकांक्षी परियोजना से अररिया जिले के फारबिसगंज, कुर्साकांटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट और अररिया प्रखंड; पूर्णिया जिले के बैसा, अमौर और बायसी, किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज और कोचाधामन प्रखंड, कटिहार जिले के कदवा, डंडखोरा, प्राणपुर, मनिहारी और अमदाबाद प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे. कोसी नदी के पानी के साथ अत्यधिक मात्रा में सिल्ट का प्रवाह होता है. जिससे वर्तमान में पूर्वी कोशी मुख्य नहर प्रणालियों में भी गाद भर जाता है इस परियोजना के तहत मुख्य नहर के किमी 1.15 किमी से 2.66 किमी तक (लम्बाई 1.51 किमी) में पूर्व से निर्मित सेटलिंग बेसीन का आधुनिकीकरण का प्रावधान है. जिससे इस नहर प्रणाली में सिल्ट की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकेगा. जल संसाधन विभाग के अनुसार इस कोसी-मेची परियोजना की अनुमानित कुल लागत राशि 6,282.32 करोड़ रुपये है. इस योजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम में शामिल कर केंद्र सरकार इसके लिए बिहार को 60 प्रतिशत यानी 3,652.56 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

कटिहार सहित सीमांचल क्षेत्र के लाखों किसानों लिए बड़ी सौगात

जल संसाधन विभाग की ओर से जानकारी दी गयी है कि कोसी-मेची अंतर्राज्यीय नदी जोड़ परियोजना के माध्यम से कोसी नदी के अधिशेष जल को महानंदा बेसिन में पहुंचाकर, जहां चार जिलों के बड़े क्षेत्र में सिंचाई सुविधा पहुंचायी जायेगी. वहीं कोसी नदी की बाढ़ का प्रभाव भी कम होगा. योजना के तहत पूर्वी कोसी मुख्य नहर के 0.00 किमी से 41.30 किमी तक वर्तमान जल संवहन क्षमता को 15 हजार क्यूसेक से बढ़ा कर 20 हजार क्यूसेक किया जायेगा, जबकि मुख्य नहर का इसके अंतिम बिंदु यानी 41.30 किमी से 117.50 किमी तक विस्तार किया जायेगा. साथ ही कुल चार शाखा नहर (लंबाई 229.00 किमी) और छह वितरणी (लंबाई 48.00 किमी) के साथ पांच क्यूसेक तक की नहर प्रणालियों का निर्माण कराया जायेगा. नहर के अंतिम छोर (किशनगंज जिले के माखनपुर गांव) पर 950 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित होगा, जो मेची नदी में मिलेगा.

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