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मनिहारी-साहिबगंज के बीच गंगा पुल निर्माण चुनौतीपूर्ण

गंगा पुल निर्माण चुनौतीपूर्ण

प्रतिनिधि, कटिहार

जिले के मनिहारी से साहिबगंज (झारखंड) के बीच गंगा नदीं पुल का निर्माण कार्य जारी है. जिस रफ्तार से काम चल रहा है. उससे नहीं लगता है कि अगले साल यानी 2026 के मार्च, अप्रैल माह तक मनिहारी-साहिबगंज के बीच आवागमन शुरू हो सकेगा. जानकारी के मुताबिक गंगा नदी में बनने वाले छह किलोमीटर पुल के लिए पिलर के ऊपर गार्डर सेगमेंट रखने सहित अन्य कार्य चल रहा है. मनिहारी व साहिबगंज की ओर पिलर के ऊपर का कार्य किया जा रहा है. पिलर के ऊपर लॉन्चर सेगमेंट, केबल तार लगाने सहित अन्य कार्य कंपनी की ओर से किया जा रहा है. मनिहारी-साहिबगंज के बीच लगभग दो हजार करोड़ की लागत से गंगा पुल का निर्माण किया जा रहा है. गंगा पुल के दोनों ओर मनिहारी-साहिबगंज में तकरीबन 500 करोड़ रुपये की लागत से इसके एप्रोच पथ का निर्माण भी किया जा रहा है. हालांकि पूर्व में वर्ष 2024 तक गंगा पुल का निर्माण कार्य को पूर्ण कर लिया जाना था. निर्माण कार्य में लगी कंपनी के पदाधिकारियों के अनुसार योजना को पूर्ण करने के लिए समय अवधि का विस्तार किया गया है. हालांकि पुल निर्माण कराने वाली भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से इस संदर्भ में संपर्क करने की कोशिश की गयी. पर उनसे संपर्क नहीं हो सका है. इस बीच माना जा रहा है कि यह पुल पूर्वोत्तर भारत का कॉरिडोर साबित होगा. पुल का निर्माण होने से झारखंड का सीधा संबंध पूर्वोत्तर भारत के बिहार, बंगाल, असम समेत नेपाल और भूटान जैसे देशों से भी हो जायेगा. इससे यहां के लोगों खासकर पत्थर व्यवसाय को एक नयी गति मिलेगी.

2017 में प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास

गंगा नदी पर बन रहे इस गंगा पुल की आधारशिला छह अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी. वर्ष 2020 में पुल निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हुई. एप्रोच पथ समेत इस गंगा नदी के पुल की लंबाई 21.9 किलोमीटर होगी. पुल की लंबाई करीब छह किलोमीटर होगी. पुल के निर्माण पर 1900 करोड़ तथा अप्रोच पथ के निर्माण पर 500 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. पुल का निर्माण कार्य अक्तूबर 2024 में पूरा किया जाना था. समय बढ़ाकर अप्रैल 2025 कर दिया गया है. 2020 से अब तक करीब 70 फीसदी पुल निर्माण का काम पूरा हो चुका है.

पुल निर्माण से बढ़ेगा व्यापारिक व सांस्कृतिक महत्व

मनिहारी-साहिबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल बन जाता है तो इससे बिहार और झारखंड के बीच व्यापारिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा मिलेगा. दोनों राज्य के लोग एक दूसरे के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान करेंगे. साथ ही कारोबार में भी वृद्धि होगी. मनिहारी-साहिबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल के निर्माण से सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार के लोगों को साहेबगंज, पाकुड़ के अलावा पश्चिम बंगाल में फरक्का व आसपास के इलाके में आने-जाने में सहूलियत होगी. इस पुल के बनने से लगभग सौ किलोमीटर दूरी कम सफर करना पड़ेगा. अभी सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार के लोगों को नवगछिया, भागलपुर होते हुए साहेबगंज जाना पड़ता है.

लंबे समय तक हुआ था आंदोलन

गंगा नदी पर पुल निर्माण को लेकर साहिबगंज में लंबे समय तक आंदोलन चला था. धरना प्रदर्शन के साथ साथ आमरण अनशन तक किया गया था. मनिहारी में नागरिक संघर्ष समिति के द्वारा आंदोलन किया गया था. साथ ही जन प्रतिनिधियों ने भी समय समय पर आवाज उठायी थी. जब पीएम ने शिलान्यास किया था तो लोगों में खुशी जबरदस्त देखी गयी थी. शिलान्यास तो साहिबगंज में किया गया. पर साहेबगंज के साथ-साथ मनिहारी व कटिहार में भी उस दिन खुशी का माहौल था. मनिहारी में तो बकायदा लोगों ने मिठाइयां भी बाटी थी. पर अब निर्माण कार्य के पांच साल से अधिक समय हो चुका है. लेकिन काम पूरा नहीं हुआ है. अगले वर्ष भी काम पूरा होगा. यह अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.

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