कोढ़ा प्रखंड के किसानों ने इस बार खेती का एक नया और अभिनव तरीका अपनाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. गेड़ाबाड़ी बस्ती के किसान केले की पारंपरिक खेती में लगातार होने वाले नुकसान से परेशान थे. जिसके बाद उन्होंने जोखिम कम करने और आय बढ़ाने के उद्देश्य से मिश्रित खेती का रास्ता चुना है. गांव के प्रगतिशील किसान चंदन ऋषि व गोपी हांसदा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से केले की फसल मौसम के उतार–चढ़ाव, कीट-रोग और बाजार में अनिश्चित दामों के कारण अपेक्षित लाभ नहीं दे पा रही थी. किसानों ने कहा, अकेले केले की खेती करने पर नुकसान का खतरा अधिक रहता है. इसी वजह से इस बार उन्होंने केले के खेतों के बीच मक्का की फसल लगाने का निर्णय लिया है. मिश्रित खेती का यह मॉडल न केवल जोखिम को कम करता है. बल्कि खेतों की उत्पादकता भी बढ़ाता है. चंदन ऋषि बताते हैं कि अगर किसी कारणवश केले की फसल में नुकसान होता है, तो मक्का की अच्छी उपज इस घाटे की भरपाई कर देगी.
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