कटिहार चैत्र नवरात्र के शुक्रवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना बड़े ही विधि विधान से साथ की गयी. बड़ी दुर्गा मंदिर में सुबह व शाम में महा आरती का आयोजन किया गया. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आरती में भाग लिये. महा आरती संपन्न होने के बाद श्रद्धालु मां के सामने अपना सिर झुकाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि के स्वरूप के बारे में बखान करते हुए बड़ी दुर्गा मंदिर के पुजारी अजय मिश्र ने बताया कि नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति माता कालरात्रि की पूजा अर्चना होती है. शास्त्रों में माता कालरात्रि को शुभंकरी, महायोगीश्वरी और महायोगिनी भी कहा जाता है. माता कालरात्रि की विधिवत रूप से पूजा अर्चना और व्रत करने से मां अपने भक्तों को सभी बुरी शक्तियां और काल से बचाती हैं. अर्थात माता की पूजा करने के बाद भक्तों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. माता के इसी स्वरूप से सभी सिद्धियां प्राप्त होती है. इसलिए तंत्र मंत्र करने वाले माता कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं. मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं. अर्थात इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं. माता कालरात्रि के नाम के उच्चारण मात्र से ही भूत, प्रेत, राक्षस और सभी नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं. और ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं.
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