कटिहार बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी महासंघ शुक्रवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे. कर्मचारियों ने कहा कि हमारी 10 सूत्री मांगे हैं. जिसमे जिला अनुसूची कर्मचारी संघ सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना संख्या-821, 23 मार्च 2011 की कंडिका-3 को संशोधित करते हुए मूल कोटि में निम्नवर्गीय लिपिक/ सहायक व उच्चवर्गीय लिपिक/वरीय सहायक के अनुपातिक उन प्रतिशत को 60- 40 किया जाय, प्रत्येक शाखा/कार्यालय में प्रधान लिपिक/प्रशाखा पदाधिकारी तथा सहायक प्रशासी पदाधिकारी (राजपत्रित) को वर्तमान समेकित प्रतिशत से अलग करते हुए उनके सृजित पद पर प्रोन्नती की व्यवस्था किया जाय, गैरसंवर्गीय पदों के तर्ज पर प्रधान लिपिक/प्रशाखा पदाधिकारी व सहायक प्रशासी पदाधिकारी का वरीयता व योग्यता के आधार पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदों पर प्रोन्नति के लिए 25 प्रतिशत पद आरक्षित किया जाय, रूपांतरित सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना एमएसीपी के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन अगले ग्रेड वेतन/लेबल के बदले प्रोन्नति के पद सोपान के ग्रेड वेतन में किया जाय. वर्तमान में कार्यालय-प्रशासनिक कार्य-भार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए दशकों पूर्व स्वीकृत कार्यबल की संख्या में वृद्धि किया जाय और अभियान चलाकर नियुक्ति किया जाय, कार्य स्थलों पर सभी कर्मियों के लिए निःशुल्क आवास का प्रबंध किया जाय, राज्य के प्रत्येक जिला में कार्यरत समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों को उनके गृह जिला में स्थानांतरण किया जाय आदि मांगे शामिल है. दूसरी तरफ जिला के कर्मचारियों के इस तरह से अनिश्चित करें हड़ताल पर जाने से सरकारी दफ्तरों में कई कार्य भी बाधित हो रहे है. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि हम सभी के हड़ताल से दफ्तर के कार्यों में बाधा पहुंच रही है. जबकि लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन जब तक सरकार हमारी परेशानी को नहीं सुनती तब तक हम हड़ताल पड़ यूंही डटे रहेंगे. इस अवसर पर जिला अध्यक्ष समर चक्रवर्ती, महामंत्री मनोज ठाकुर, संतोष कुमार रजक, अमित कुमार, अनंत पासवान, अवधेश कुमार मंडल, कुमार चंदन, हर्ष सिंह, चांदनी, स्वीटी, निशा आदि उपस्थित रहे.
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