– दशक बाद एमवीआर में संशोधन की तैयारी, जिलों से मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट बारसोई प्रदेश सहित बारसोई अनुमंडल क्षेत्र में जमीन एवं मकान की खरीद-बिक्री अब महंगी होने के आसार हैं. करीब एक दशक बाद सरकार निबंधन दरों में संशोधन की दिशा में पहल कर रही है. निबंधन विभाग ने सभी जिलों में गठित जिला मूल्यांकन समितियों से मिनिमम वैल्यू रजिस्टर (एमवीआर) की समीक्षा से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. जिलों से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर जमीन और मकान की नई निबंधन दरें निर्धारित की जायेगी. जिस पर सरकार अंतिम मुहर लगायेगी. जानकारी के अनुसार, बीते लगभग दस वर्षों में प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्र शहरी निकायों में शामिल हो चुके हैं. भूमि की प्रकृति में बदलाव के साथ-साथ आवासीय व व्यावसायिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बावजूद इसके एमवीआर पुरानी दरों पर ही लागू है. इससे राज्य सरकार को निबंधन राजस्व में निरंतर नुकसान उठाना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2016 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2013 में अंतिम बार एमवीआर में संशोधन किया गया था. उस समय निबंधन दरों में 10 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई थी. डीएम की अध्यक्षता में गठित जिला मूल्यांकन समितियां शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों का वर्गीकरण करते हुए वर्तमान बाजार भाव का आकलन करेंगी. जिला मूल्यांकन समिति में जिलाधिकारी के अलावा जिला अवर निबंधक (सचिव), अपर समाहर्ता राजस्व, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचलाधिकारी व अन्य संबंधित पदाधिकारी शामिल होते हैं. निबंधन पदाधिकारी कृष्ण मोहन जायसवाल ने बताया कि आकलन के दौरान विकसित, अर्ध-विकसित एवं सामान्य क्षेत्रों के साथ-साथ मुख्य सड़क, प्रधान सड़क एवं शाखा सड़क से जुड़े भूखंडों के मूल्य निर्धारण पर विशेष रूप से विचार किया जायेगा. सरकार द्वारा एमवीआर पर अंतिम सहमति बनने के बाद निबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि होगी. जिसका सीधा प्रभाव जमीन व मकान की रजिस्ट्री लागत पर पड़ेगा.
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