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जूट मिल बंद व चालू होने का चोली-दामन का रश्तिा

जूट मिल बंद व चालू होने का चोली-दामन का रिश्ता प्रतिनिधि, कटिहारनया जूट मिल हो या पुराना जूट मिल बंद व खुलने का इन दोनों जूट मिल का चोली दामन का रिश्ता है. लेकिन हो भी क्या कामगार तो लाचार और बेबस हैं. आठ जनवरी को मिल के ठेकेदार राहुल इंटरप्राइजेज ने एनजेएमसी से जूट […]

जूट मिल बंद व चालू होने का चोली-दामन का रिश्ता प्रतिनिधि, कटिहारनया जूट मिल हो या पुराना जूट मिल बंद व खुलने का इन दोनों जूट मिल का चोली दामन का रिश्ता है. लेकिन हो भी क्या कामगार तो लाचार और बेबस हैं. आठ जनवरी को मिल के ठेकेदार राहुल इंटरप्राइजेज ने एनजेएमसी से जूट प्राप्त नहीं होने की बात कर मिल को बंद कर दिया. कामगारों तो हो हल्ला मचाया गया. लेकिन समस्या का समाधान कुछ भी नहीं निकला. कटिहार की ख्याति जूट नगरी से पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है. लेकिन जूट मिल की बंदी से यह ख्याति भी धीरे-धीरे धूमिल होते जा रही है. कुछ दिन तक तो मजदूर नेता हो-हल्ला मिल खुलवाने के लिए करते हैं. फिर शिथिल पड़ जाते हैं और भुगतना कामगारों को पड़ता है. जब तक स्थानीय जनप्रतिनिधि इस समस्या को गंभीर रूप से नहीं लेंगे, तब तक कामगारों के साथ यही हश्र होता रहेगा. नया जूट मिल की स्थितिआरबीएचएम (नया जूट मिल) जूट मिल में कई महीनों से कामगारों के साथ अन्याय पूर्ण रवैया ठेकेदारों द्वारा अपनाया जा रहा है. पिछले दो महीने से इनका मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. पीएफ, इएसआइ का लाभ नहीं दिया गया है. जिससे कामगारों में आक्रोश व्याप्त है. पिछले एक महीने पहले मिल में आगलगी की घटना घटित हुई थी. जिसको लेकर वार्ड पार्षद रंजीत पासवान ने कामगारों को बकाया नहीं देने के लिए सोची समझी साजिश बताया था, जो अब मिल बंदी की घटना को देखते हुए सच साबित हो रहा है. पुराना मिल भी है बंदपुराना जूट मिल तो लगभग 10 महीनों से बंद पड़ा हुआ है. नया मिल बंद होने के बाद कामगारों को पुराना मिल में काम मिलने की आस थी. लेकिन यह मिल भी लगभग दस महीने से बंद है. जिसके कारण कामगारों को दोहरी मार झेलने को विवश होना पड़ रहा है. हजारों कामगार हो गये बेरोजगारनया जूट मिल और पुराना जूट मिल बंद होने से हजारों कामगार बेरोजगार हो गये हैं. नया जूट मिल में 800 और पुराना जूट मिल में 600 कामगार काम कर रहे थे. दोनों जूट मिल बंद होने से यह कामगार बेरोजगार हो गये हैं.

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